वैशाख महीने की पूर्णिमा को भगवान बुद्ध की जयंती मनाई जाती है. इसलिए इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं. भगवान बुद्ध ने ही बौद्ध धर्म की स्थापना की और पूरी दुनिया को सत्य, शांति, मानवता की सेवा करने का संदेश दिया. उन्होंने दुनिया को पंचशील उपदेश दिए. ये पंचशील हैं -हिंसा न करना, चोरी न करना, व्यभिचार न करना, झूठ न बोलना और नशा न करना.
बुद्ध को माना जाता है भगवान विष्णु का अवतार
गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है. शास्त्रों में इस बारे में उल्लेख किया गया है. इसलिए बुद्ध पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध के साथ-साथ भगवान विष्णु और चंद्र देव की भी पूजा की जाती है. ऐसा करने से व्यक्ति का आत्मबल और मान-सम्मान बढ़ता है. उसके जीवन में समृद्धि और सुख बढ़ता है. इसके अलावा बुद्ध पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और वह मोक्ष के रास्ते की ओर बढ़ता है.
बुद्ध पूर्णिमा की तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त
वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा तिथि 15 मई की मध्यरात्रि 12:45 बजे से शुरू होगी और 16 मई, सोमवार की रात 09:43 बजे तक रहेगी. लिहाजा 16 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी. इसी दिन व्रत रखा जाएगा और विधि-विधान से पूजा-उपासना की जाएगी.
ऐसे करें पूर्णिमा पर पूजा
संभव हो तो बुद्ध पूर्णिमा के दिन व्रत जरूर रखें. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें या इसके जल मिले पानी से नहाएं. सूर्य को अर्ध्य दें. पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं. भगवान विष्णु की पूजा करें. चंद्र देव की भी रात में पूजा करें. इस दिन दान जरूर दें. बुद्ध पूर्णिमा के दिन किया गया दान कई गुना ज्यादा फल देता है. जीवन में आ रहीं बाधाएं दूर होती हैं और खुशियों-सफलता की दस्तक होती है.