भोपालः मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत 14 जिलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय राशि जमा कराने के मामले में घोटाला सामने आया. CM सचिवालय द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में जानकारी मिली कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का पैसा कंप्यूटर ऑपरेटर समेत 89 लोगों के खाते में डाला गया था. अंदेशा है कि तीन साल पुराने इस मामले में करीब 26 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है.
2018 के मामले में पकड़ी गड़बड़ी
मुख्यमंत्री सचिवालय ने महिला एवं बाल विकास विभाग से मानदेय घोटाले की जांच रिपोर्ट मांगी. इसमें CAG (Comptroller and Auditor General) ने साल 2018 के पोषण आहार मामले में गड़बड़ी पकड़ी. CAG द्वारा बताया गया कि मई 2014 से दिसंबर 2016 के बीच भोपाल, रायसेन के परियोजना अधिकारियों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की करीब 3.19 करोड़ रुपये की मानदेय राशि डाटा एंट्री ऑपरेटर और कम्प्यूटर ऑपरेटरों समेत करीब 89 लोगों के बैंक खातों में जमा करा दी.
PO के खाते में मिला अधिकारियों का पैसा
CAG की रिपोर्ट में जानकारी मिली कि पीओ सुधा विमल मोतियापार्क में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में दर्ज थी. यहां तक कि उनके खाते में बैरसिया के कई, बरखेड़ी, चांदबड़ और गोविंदपुरा के दो और रायसेन के उदयपुरा के परियोजना अधिकारियों का पैसा जमा था. कैग की रिपोर्ट अनुसार इस पूरे घोटाले में करीब 26 करोड़ रुपये गलत तरीकों से प्राइवेट बैंक खातों में ट्रांसफर करवाए गए थे.