खैरागढ़. मानव तस्करी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. सायबर ठग प्रेमाराम गोदारा इंस्टाग्राम पर अपने आपको फौजी बताकर लोगों से ठगी करता था. आरोपी ने अपनी इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल पर फौजी जैसी दिखने वाली तस्वीरे लगाई और सेना में नौकरी दिलाने से संबंधित कई पोस्ट भी की. फौजी की प्रोफाइल देख अक्सर नाबालिग युवक युवती प्रेमाराम के झांसे में आ गए. इस मामले की थाने में शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
पिछले साल डोंगरगढ़ थाना क्षेत्र की पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी नाबालिग बेटी कही गुम हो गई है. मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस हरकत में आई और नाबालिग की मोबाइल लोकेशन के आधार पर राजस्थान से आरोपी सुखाराम के क़ब्ज़े से नाबालिग बच्ची को सकुशल बरामद भी कर लिया.
आरोपी सुखाराम ने बताया कि उसने नाबालिग को तीन लाख रुपए में खरीदा है. मानव तस्करी और खरीद फरोख्त जैसा गंभीर अपराध देख पुलिस ने टीम गठित की और हर एंगल से मामले की पुनः जांच शुरू की. नाबालिग के बयान के अनुसार पहले उसकी दोस्ती इंस्टाग्राम पर प्रेमाराम से हुई. उसने उसे सेना में नौकरी दिलाने का वादा किया और ट्रेनिंग के नाम पर अपने पास राजस्थान बुला लिया.
आरोपी ने अपहरण की कहानी बनाकर पुलिस की कराई गिरफ्तारी
सोशल मीडिया की दोस्ती में नाबालिग जब आरोपी प्रेमाराम के पास पहुंची तो उसने कुछ दिन उसका शारीरिक शोषण करने के बाद उसे तीन लाख में दूसरे आरोपी सुखाराम को बेच दिया, लेकिन सुखाराम की गिरफ़्तारी के बाद भी मामले का मुख्य आरोपी प्रेमाराम पुलिस की गिरफ़्त से बाहर था, जिसे पकड़ने पुलिस ने टीम राजस्थान भेजी. राजस्थान के चूरु ज़िला में जब पुलिस की टीम आरोपी को पकड़ने पहुंची तो शातिर आरोपी प्रेमाराम ने ख़ुद ही स्थानीय पुलिस को फोन कर अपने अपहरण की कहानी बनाकर छत्तीसगढ़ पुलिस को ही गिरफ्तार करवा दिया, लेकिन जल्दी ही राजस्थान पुलिस भी अपराध को समझ गई.
इसके बाद आरोपी प्रेमाराम गोदरा को गिरफ़्तार कर लिया गया. फ़िलहाल मामले के दोनों आरोपी पुलिस की गिरफ़्त में है और उन पर पॉस्को और विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत कार्यवाही कर जेल भेज दिया गया है.