बाघ का पीएम वन विभाग, पुलिस, एनटीसीए के प्रतिनिधि व ग्रामीणों की उपस्थिति में चार सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीम ने किया. पोस्टमार्टम के बाद बाघ के जरूरी अंगों को लैब टेस्ट के लिए सुरक्षित रखा गया है. घटना के दूसरे दिन रायपुर से एपीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ घटना स्थल पहुंचे थे. बाघ को बदले की भावना से जहर देने की आशंका जताई जा रही है. बाघ द्वारा मवेशी के शिकार करने से मवेशी मालिक आक्रोशित हो गया होगा और उसने बाघ को मारने मवेशी के शेष बचे मांस में जहर मिलाकर दिया होगा.
संदेहियों से पूछताछ कर रहे अफसर
अफसर अलर्ट रहते तो जिस ग्रामीण के मवेशी का बाघ ने शिकार किया था, उस मवेशी के मालिक को वन अफसर तत्काल मुआवजा राशि उपलब्ध करा देते तो बाघ को जहरखुरानी से बचाया जा सकता था. घटना के पूर्व बाघ ने कहां-कहां विचरण किया, बाघ ने जिस जगह मवेशी का शिकार किया, उस जगह पहुंचकर मवेशी के बचे शेष मांस में किसने जहर मिलाया. इसकी जांच गोमर्डा अभयारण्य से आई डॉग स्क्वाड की टीम ने की है. संदेह के आधार पर वन विभाग के अफसर कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रहे हैं.