बता दें कि पिछले करीब 7 साल से सीडी कांड की सुनवाई रुकी थी. सीबीआई ने राज्य में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद केस दिल्ली ट्रांसफर के लिए अर्जी लगाई थी, क्योंकि उसमें तत्कालीन सरकार के प्रभावशाली लोगों के नाम भी थे. सीबीआई की अर्जी दिल्ली की कोर्ट में विचाराधीन रही. इस वजह से फैसला ही नहीं हुआ कि केस की सुनवाई कहां होगी. पिछले माह दिल्ली की कोर्ट ने फैसला किया है कि केस ट्रांसफर नहीं होगा. यानी अब रायपुर की सीबीआई स्पेशल कोर्ट में केस की सुनवाई होगी. उसके बाद केस डायरी दिल्ली से रायपुर कोर्ट भेजी थी. कोर्ट ने सभी आरोपियों को समन जारी किया था. इस मामले में आज सुनवाई हुई.
जानिए क्या है सीडी कांड मामला
चर्चित अश्लील सीडी कांड की शुरूआत 27 अक्टूबर, 2017 को पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बंगले से हुई थी. दरअसल भूपेश बघेल ने 27 अक्टूबर की सुबह 6 बजे एक प्रेस कांफ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने मीडिया को एक सीडी बांटी थी. इस सीडी में एक आपत्तिजनक वीडियो था, जिसे लेकर भूपेश ने दावा किया था कि महिला के साथ बेहद आपत्तिजनक स्थिति में दिखने वाला व्यक्ति मंत्री राजेश मूणत है. इसके बाद वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ, लेकिन सीडी के सामने आने के बाद मंत्री राजेश मूणत ने इसका खंडन करते हुए सीडी को फर्जी बताया और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी.
कथित सीडी के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद से वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के मीडिया सलाहकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया था. इस मामले में पुलिस ने दावा किया था कि उनके निवास से इस अश्लील सीडी के वीडियो क्लिप की 500 सीडी और 2 लाख नगद जब्त किया था. यह कार्रवाई प्रकाश बजाज नामक एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर की गई थी.