राजनांदगांव(दैनिक पहुना)। सिक्खों के दसवें गुरू गोबिंद सिंह जी की जयंती संस्कारधानी में सोल्लास मनाई जा रही है। इस अवसर पर शहर में जहां बीते दिनों वीर बाल दिवस मनाया गया,गुरूग्रंथ साहिब की शोभा यात्रा भी निकाली वहीं गुरूनानक चौक जीई रोड स्थित गुरूद्वारा में शबद कीर्तन किये गये। वहां मत्था टेकने वालों का तांता लगा हुआ है। शहर में गुरूनानक चौक और मानव मंदिर चौक को भव्य स्वागत द्वार से सजाया गया है। वहीं गुरूद्वारे की अत्यंत आकर्षक विद्युत साज सज्जा रात्रि में किसी का भी मन मोह लेती है। बताया जाता है कि गुरू गोविंद सिंह गुरू तेग बहादुर जी के बलिदान के बाद 11 नवंबर सन 1675 को सिक्खों के 10वें गुरू बने। वे महान योद्धा के साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। सन 1699 में बैसाखी के दिन उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की। 22 दिसंबर 1666 को बिहार के पटना में उनका जन्म हुआ था। 7 अक्टूबर 1708 को धर्म रक्षा करते करते तखत सचखंड श्री हजूर अबचल नगर साहिब नांदेड़ महाराष्ट्र में शहीद हो गये। उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब के अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।