NEET-UG Exam Paper Leak: शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने NEET-UG Exam पूरी तरह रद्द करने से इंकार कर दिया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दाखिल कर इसकी वजह बताई है। सरकार ने कहा कि जब तक यह सबूत नहीं मिल जाता कि पूरे भारत में पेपर लीक हुआ है, तब तक पूरी परीक्षा को रद्द करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। परीक्षा रद्द करना लाखों होनहार परीक्षार्थियों के साथ धोखाधड़ी होगी। सरकार ने परीक्षा रद्द नहीं किए जाने पर जोर देते हुए सुप्रीम कोर्ट के 2021 के सचिन कुमार विरूद्ध डीएसएसबी में जारी फैसले का हवाला दिया है।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से एक हाई लेवल कमेटी एनटीए को बेहतर बनाने और परीक्षाओं को सही तरीके से कराने के सुझाव देने के संबंध गठित की गई है। इस कमेटी का नेतृत्व पूर्व इसरो चेयरमैन डॉक्टर के राधाकृष्णन कर रहे हैं, जो दो माह में मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेंगे। पेपर लीक करने के पीछे संगठित गिरोह और सरगना का पता लगाने के लिए जांच लगातार जारी है।
सरकार ने कहा है कि सेंट्रल एजेंसी जांच में मिली लीड के आधार पर आगे बढ़ रही है। पेपर लीक के पीछे कौन है, इसका जल्द पर्दाफाश होगा। हरेक पहलू पर गौर किया जा रहा है और हरेक तथ्य को खंगाला जा रहा है। सरकार ने हाल ही में लागू किए गए सार्वजनिक परीक्षा कानून का दिया हवाला और कहा कि भविष्य में ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्ती से निपटा जा सके इसके लिए सरकार सख्त कानून लेकर आई है।
CBI कर रही है नीट पेपर लीक मामले की जांच
मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंप दी है। CBI मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है। पेपर लीक कई राज्यों में हुआ है। सीबीआई ने पिछले महीने की 23 तारीख को IPC की धारा 420, 419, 409, 406, 201, 120B और पीसी एक्ट की धारा -13(2), 13(1) में एफआईआर दर्ज की है। नीट यूजी की परीक्षा 5 मई को हुई थी. करीब 24-25 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। 4 जून को इसका रिजल्ट आया था. परिणाम घोषित होने के बाद से ही इस पर सवाल उठने लगे।
सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई को सुनवाई
इस परीक्षा में एक साथ 67 टॉप किए थे। सभी को 720 में से 720 नंबर मिले थे। ऐसा पहली बार हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों ने पूरे 100 फीसदी नंबर प्राप्त किए हों। इसके बाद यह मामला पूरे देश में गरमा गया था। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है और सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ वाली तीन सदस्यीय बेंच 8 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी।