बिलासपुर। छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा असम से चार और मादा वन भैंसा लाने पर आज छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गौतम भादुड़ी एवं न्यायमूर्ति नरेश कुमार चंद्रवंशी की युगल पीठ ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है। छत्तीसगढ़ वन विभाग ने तीन वर्ष पूर्व अप्रैल 2020 में असम के मानस टाइगर रिजर्व से एक नर और एक मादा सब एडल्ट को पकडक़र छत्तीसगढ़ के बारनवापारा अभ्यारण में 25 एकड़ के बाड़े में रखा है। वन विभाग की योजना यह है कि इन वन भैंसों को बाड़े में रखकर उनसे प्रजनन कराया जाएगा। इसके विरोध में रायपुर के नितिन सिंघवी ने जनवरी 2022 में जनहित याचिका दायर की थी, जो लंबित है। वन भैसा वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के शेड्यूल एक का वन्य प्राणी है।
जनहित याचिका के लंबित रहने के दौरान होली पूर्व मार्च 2023 में चार और मादा वन भैंसा लाने के लिए छत्तीसगढ़ वन विभाग ने असम टीम भेजी है। कोर्ट ने आज अगले आदेश तक असम से अगले आदेश तक असम से चार वन भैंसा आने पर रोक लगा दी है।