हर शहर में कोई न कोई इलाका ऐसा होता है, जहां लोगों के आर्थिक विकास के लिए अपार संभावनाएं होती हैं। ऐसे में शहरी विकास अभिकरण (सूडा) वर्तमान शहरों में ही अब एक नए कोने की तलाश कर रहा है। राज्य के एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के आर्थिक सुधार के लिए किसी एक इलाके को चुना जाएगा। यहां बाजार, स्कूल, अस्पताल, परिवहन की सुविधा विकसित करके इसे विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) में बदला जाएगा। इससे यहां के रहवासियों के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगे।
प्रारंभिक चरण में प्रदेश के 10 शहरों के लिए विशेष आर्थिक जोन के तहत यहां भूजल स्तर और स्थानीय यातायात जैसे व्यवस्था को सुधारने के लिए सूडा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जानकारी के मुताबिक शहरों के विकास के लिए 15वें वित्त आयोग से 500 करोड़ की राशि मिलनी है। यह राशि तभी मिलेगी, जब योजना बेहतर तरीके से बनेगी। सूडा के अधिकारियों के मुताबिक 15 अक्टूबर तक योजना बनाकर केंद्र सरकार को भेजना है। इसके बाद ही राशि जारी हो पाएगी।
इन क्षेत्रों में होगा काम
केंद्र सरकार की योजना के अनुसार इन शहरों में आर्थिक रूप से विकास करने के लिए यहां के स्थानीय यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा। इसके अलावा भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक वर्षा जल का संचयन करना होगा। इसके लिए शहर में उन इलाकों को चुनेंगे, जहां जमीन ज्यादा से ज्यादा बारिश का पानी ग्रहण कर सकें और यहां जल का स्तर बढ़ाया जा सके। शहरों में पीने के लिए शुद्ध पेजयल, बेहतर ड्रेनेज सिस्टम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए जल को संरक्षित किया जाना है। इसके अलावा यहां लोगों की सुविधाओं से जुड़े प्रमुख रूप से अस्पताल, स्कूल, बाजार, रेलवे, एयरपोर्ट से लोगों को जोड़ने के लिए काम किया जाएगा।
पहले चरण में ये शहर शामिल
पहले चरण में प्रदेश के जिन शहरों को चुना गया है, उनमें रायपुर समेत दुर्ग, भिलाई, रिसाली, कोरबा, रायगढ़, राजनांदगांव, बिलासपुर, अंबिकापुर और जगदलपुर शामिल हैं। यह योजना पिछली बार 2011 की जनगणना के अनुसार ही होगी।प्रदेश की 59.36 लाख से अधिक आबादी अभी भी शहरों में रह रही है। 2011 में नौ नगरीय निकायों में आबादी एक लाख से अधिक अनुमानित थी।
सूडा के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष कुमार टिकरिहा ने कहा, एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को विकसित करने के लिए शहरी विकास अभिकरण ने काम शुरू कर दिया है। अभी प्रारंभिक स्तर पर काम चल चल रहा है। प्रस्ताव तैयार होने के बाद लोगों को पूरी जानकारी मिलेगी।