मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर (Chanda Kochhar) और उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kocchar) को जमानत दे दी है. आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण धोखाधड़ी मामले बॉम्बे हाईकोर्ट ने चंदा कोचर को जमानत दी है. न्यायालय ने ICICI की पूर्व CEO चंदा कोचर और दीपक कोचर को न्यायिक हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं है.
आपको बता दें कि दिसंबर 2022 को ICICI Bank की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को CBI ने गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने यह गिरफ्तारी वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक धोखाधड़ी केस में की थी. आरोप लगे कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन समूह को लगभग 3,250 करोड़ रुपये का लोन देने में कथित तौर पर अनियमितता की थी. जब यह फ्रॉड हुआ था तब चंदा कोचर बैंक की सीईओ थीं. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने फरवरी 2019 में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था. इसके तहत ही उन पर कार्रवाई की गई थी. चंदा कोचर पर भेदभाव बरतने और वीडियोकॉन समूह को लाभ पहुंचाने के आरोप हैं.
CBI की कार्रवाई
सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज किया था.
ये आरोप लगे
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि आरोप है कि वीडियोकॉन के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत ने 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज मिलने के बाद कथित तौर पर नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया. सीबीआई ने 2019 में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था कि यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश में निजी कंपनियों को कुछ ऋण मंजूर किए थे.