अमेरिकी नागरिकों के साथ मप्र में ठगी: FBI की टीम ने ग्वालियर पहुंचकर की जांच

ग्वालियर। अमेरिकी नागरिकों से ठगी के मामले में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की FBI (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) भी शामिल हो गई है। ठगी के इस मामले की जांच के लिए FBI की महिला अधिकारी ग्वालियर पहुंची। ग्वालियर में FBI ने ग्वालियर क्राइम ब्रांच के अफसरों से जानकारी ली है। आपको बता दें कि ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने पिछले साल बहोड़ापुर में ठगी के एक बड़े नेटवर्क को दबोचा था। इंटरनेशनल ठगों का यह गिरोह अमेरिकी नागरिकों के साथ गिफ्ट के नाम पर ठगी करता था। अनुमान है कि लगभग ढाई सौ से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों को इस गिरोह ने जाल में फंसा कर ठगी की है।

अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) की महिला अधिकारी ने ग्वालियर में ठगी केस की जानकारी हासिल की। FBI अफ़सर ने ग्वालियर में बैठकर अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले गिरोह की जानकारी ली। साथ ही ठगों के पास से मिले अमेरिकन लोगों के डाटा आदि हासिल किया। आरोपियों की प्रोफाइल, ठगी का तरीका, आरोपियों के बैंक स्टेटमेंट के साथ ठगे गए अमेरिकी नागरिकों की सूची हासिल की साथ ही इंटरनेशनल गिफ्ट वाउचर जालसाज तक पहुंचने का तरीका भी जाना। FBI की महिलाअफ़सर सारी जानकारी लेने के बाद शनिवार दोपहर दिल्ली रवाना हुई। आपको बता दें कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की तरह ही अमेरिका में FBI मशहूर खुफिया एजेंसी है, FBI अमेरिका के इंटरनेशनल लेवल की मसलों की जांच करती है।

ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने पिछले साल इंटनेशनल ठग गिरोह पकड़ा था। ग्वालियर के बहोड़ापुर इलाके में एक इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर को पकड़ा था। उस दौरान  कॉल सेंटर चला रहे 7 ठगों को किया था गिरफ्तार।  इस गेम में शामिल सभी लोग आगरा और अहमदाबाद के रहने वाले थे। गैंग का आगरा निवासी मास्टरमाइंड फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। जिस पर पुलिस ने इनाम घोषित किया है।  गिरोह के लोग खुद को अमेरिका के लेंडिंग क्लब का मेंबर बताकर अमेरिकी नागरिकों को जाल में फंसाते थे।अमेरिकी नागरिकों से उनका सिक्योरिटी नंबर और अन्य जानकारी हासिल करते और फिर उनसे लाखों रुपए की ठगी कर लेते थे।

लियर में बैठकर ठग अमेरिकी नागरिकों को फोन करते थे। जालसाज खुद को अमेरिका के लैंडिंग क्लब का मेंबर बताते थे। ठग बातचीत करने में इतने ट्रेंड होते थे कि जब यह अमेरिकी नागरिकों से फोन पर बात करते थे तो अमेरिकी एसेंट वाली इंग्लिश ही बोलते थे। उनकी बातचीत से अमेरिकी लोग इस बात का अहसास तक नहीं कर पाते थे कि उनकी बात किसी अमेरिकी नहीं बल्कि भारत के MP ग्वालियर में बैठे जालसाजों से हो रही है। इसके लिए मास्टरमाइंड अपने ठग कर्मचारियों को अमेरिकन एक्सेंट इंग्लिश की कोचिंग करवाते थे। फोन पर बात कर ये ठग अमेरिकी नागरिकों को गिफ्ट वाउचर के बहाने अपनी बातों में फंसा कर उनके सिक्योरिटी नंबर सहित अन्य जानकारी हासिल कर लेते थे। उसके बदले में अमेरिकी नागरिकों से कमीशन के रूप में इंटरनेशनल गिफ्ट वाउचर, गूगल प्ले कार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस, बेस्ट बाय, एप्पल, वनीला बंज लेकर शॉपिंग के जरिए कैश में बदलते थे।

एडिशनल एसपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया का कहना है कि इंटरनेशनल ठगी के इस मामले में एफबीआई अफसर को सभी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं और भविष्य में भी इससे सभी महत्वपूर्ण जानकारियां समय-समय पर एफबीआई को भी शेयर की जाएंगी। फिलहाल क्राइम ब्रांच का मुख्य लक्ष्य फरार आरोपी की जल्द से जल्द गिरफ्तारी करने का भी है जिसके बाद इस ठगी रैकेट से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी हाथ आ सकेंगी।

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