छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

शासकीय सेवकों ने अपने जायज चार सूत्रीय मांगों के शीघ्र निराकरण करने की मांग की

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आह्वान पर प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा एवं प्रांतीय सचिव राजेश चटर्जी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन जिला राजनांदगांव के जिला संयोजक डॉ. केएल टांडेकर एवं जिला महासचिव सतीश ब्यौहरे के नेतृत्व में फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल ने 3 मार्च 2023 को प्रातः 11 बजे जिला कार्यालय परिसर राजनांदगांव में एकजुट होकर मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर श्रीमती सरस्वती बंजारे को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने वाले फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल में जिला संरक्षक द्धय राजेश मालवे एवं एसके ओझा जिला संयोजक डॉ केएल टांडेकर, जिला महासचिव सतीश ब्यौहरे के साथ जिला सहसंयोजक रफीक खान, जिला कोषाध्यक्ष अभिषेक शर्मा, जिला प्रवक्ता बृजभान सिन्हा, जिला उपाध्यक्षगण मुकुल साव, जितेश देवांगन, रामनारायण बघेल, भीषम ठाकुर, सीएएल चंद्रवंशी, पूरन लाल साहू, संतोष चौहान, डॉ बीपी चंद्राकर, भूपेंद्र कांडे, डीएल चौधरी, जिला महामंत्रीगण अरुण देवांगन, संजय तिवारी, पीआर झाड़े, कृतलाल साहू, कौशल शर्मा, विनोद मिश्रा, राज्य शेखर मेश्राम, अजीत दुबे, जिला संगठन सचिवगण हरीश भाटिया, महेश साहू, उत्तम फंदीयाल, पुरुषोत्तम धु्रव, महेश सेजपाल, सुश्री गीता जुरेशिया, दिलीप बारले, आनंद श्रीवास्तव, योगेश चौरे, जिला सहसचिवगण संजय सिंह, आदर्श वासनिक, मनीष साहू, श्रीमती दुर्गा जादौन, एनएल देवांगन, उपेंद्र रामटेके, पीएल साहू, रामदुलार साहू, जयंत बावने, सुदेश यादव, हरिशचंद यादव सहित बड़ी संख्या में फेडरेशन के साथी उपस्थित रहे। सौंपे गए ज्ञापन के संबंध में जिला संयोजक डॉ. टांडेकर एवं जिला महासचिव सतीश ब्यौहरे ने बताया कि चार सूत्रीय मांगो के संबंध में राज्य शासन को समय-समय पर ज्ञापन देकर निराकरण हेतु अनुरोध किया जाता रहा है। फेडरेशन कई चरणों में आंदोलन कर शासन-प्रशासन को जिला कलेक्टर्स के माध्यम से ज्ञापन भी सौप चूका है। खेद सहित लेख है कि, निराकरण हेतु त्वरित कार्यवाही नहीं होने के कारण प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी आक्रोशित है।
उल्लेखनीय है कि फेडरेशन 14 सूत्रीय मांगों को लेकर 3 सितंबर 2021 को प्रदेश बंद कराया था। उक्त आंदोलन को संज्ञान में लेते हुए शासन द्वारा समय-सीमा तय करते हुए पिंगुआ कमेटी गठित की गई है, लेकिन उक्त कमेटी द्वारा आज दिनांक तक सरकार को रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। जिसके कारण कर्मचारी जगत व्यथित है। लेख है कि 26 फरवरी 2023 को छत्तीसगढ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन रायपुर में आयोजित हुए बैठक में शासन के उपेक्षा पूर्ण रवैये के लोकतांत्रिक विरोध एवं मांगों के निराकरण हेतु शासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए चरणबद्व आश्वासन नहीं समाधान आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है, जो कि निम्नानुसार है : प्रथम चरण्-3 मार्च 2023 को जिला-ब्लॉक-तहसील स्तरीय रैली निकालकर प्रदर्शन, द्वितीय चरण : 18 मार्च 2023 को रायपुर में प्रांत स्तरीय प्रदर्शन, हमारी मुख्य मांगे निम्नानुसार हैः लिपिक संवर्ग के वेतन विसंगति का निराकरण साथ ही सहायक शिक्षक, शिक्षा संवर्ग, स्वास्थ्य संवर्ग, महिला बाल विकास सहित अन्य कर्मचारी संवर्ग का वेतन विसंगति सहित 14 सूत्रीय मांगो के लिए गठित दिनांक 17 सितंबर 2021 पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सरकार को तत्काल सौंपी जाये। प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को लंबित 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान अनुसार गृह भाडा भत्ता स्वीकृति आदेश जारी किया जाये। जन घोषणा पत्र में उल्लेखित चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जाये। साथ ही घोषण पत्र में उल्लेखित अन्य मांगो को पूरा किया जावें। प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा समय.समय पर अपनी मांगों को लोकतांत्रिक तरीके से शासन के समक्ष रखने के लिए रायपुर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत पंडरीए पुराना बस स्टैंड को धरना स्थल घोषित किया जाये। फेडरेशन मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर चार सूत्रीय मांग के संबंध में शीघ्र निर्णय लेने हेतु अनुरोध करता है, अन्यथा फेडरेशन अपनी जायज लंबित मांगों को लेकर आंदोलन करने के लिए संकल्पित है।

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