
छुईखदान (दैनिक पहुना)। छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने वन विभाग में नियम-विरुद्ध विशेष पदोन्नतियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। इस मुद्दे पर खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें वन कर्मचारियों ने एकजुट होकर आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया। संघ के जिला नेतृत्व ने कहा कि विशेष पदोन्नतियाँ नियमों का उल्लंघन करती हैं, जो अन्य कर्मचारियों के साथ अन्याय और विभागीय पारदर्शिता पर सवाल उठाती हैं। बैठक में कर्मचारियों ने ऐसी अनियमितताओं का पुरजोर विरोध किया और मांग की कि सभी नियम-विरुद्ध पदोन्नतियाँ तत्काल रद्द की जाएँ। जिला अध्यक्ष अभिषेक देवांगन ने कहा, “हमारी मांग है कि वन विभाग में पदोन्नति और भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और नियमों के अनुसार हो। वन कर्मचारियों के हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संघ के भीतर कोई भी गलत कार्य करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा और संदिग्ध संलिप्तता वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ जाँच की मांग की जाएगी।
संघ ने चेतावनी दी कि यदि शासन ने नियम-विरुद्ध पदोन्नतियों को नहीं रोका और पारदर्शी प्रक्रिया लागू नहीं की, तो वन कर्मचारी बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेंगे। बैठक में वेतनमान सुधार, सेटअप पुनरीक्षण और अन्य लंबित मुद्दों पर भी चर्चा हुई। कर्मचारियों ने एक स्वर में सरकार से वन कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने और नियमों का पालन सुनिश्चित करने की मांग की। संघ अपने अधिकारों के लिए कानूनी और आंदोलनात्मक कदम उठाने को तैयार है। इस अवसर पर खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के कर्मचारियों के साथ-साथ राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कवर्धा, बालोद और दुर्ग के जिला पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।


