बेटी के लिए मां को सहने पड़े ताने
फामेश्वरी ने अग्निवीर बनने की ठान ली, तो गांव के लोग मां खेमीन बाई को उलहाना देने लगे. लेकिन मां भी बेटी की मर्जी और जिद के साथ थी. कहने वाले की परवाह किए बगैर बेटी के सपनों की उड़ान को पूरा परिवार ने पंख लगा दिया. मां ने कहा कि उनकी और भी बेटियां होती, तो उन्हें भी देश सेवा में भेज देती.

राज्य की अन्य युवतियां भी होंगी प्रेरित
आज फामेश्वरी भारतीय सेना में अग्निवीर महिला पुलिस के तौर चयनित होने वाली छत्तीसगढ़ राज्य की पहली महिला बनी हैं. यह फामेश्वरी की ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बड़ा ही ऐतिहासिक व गर्व का अवसर है. फामेश्वरी का मानना है कि उसकी सफलता से राज्य की अन्य युवतियां भी प्रोत्साहित होंगी और भविष्य में ज्यादा से ज्यादा संख्या में भारतीय सेना में चयनित होकर देश सेवा में प्रतिभागी बनेंगी.
कलेक्टर-एसपी ने की सराहना
सेना भर्ती कार्यालय, रायपुर के अधिकारियों द्वारा फामेश्वरी यादव को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया. कलेक्टर दीपक अग्रवाल और एसपी निखिल राखेचा ने भी फामेश्वरी के जज्बे की सराहना की है. फामेश्वरी यादव की ट्रेनिंग 01 मई से सेना मिलिट्री पुलिस सेंटर, बेंगलुरू (कर्नाटक) में शुरू होगी.