रायपुर। राजधानी के जिला अस्पताल की ‘हमर लैब” पूरे देश के लिए माडल बन गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी सराहना करते हुए केंद्रीय स्तर पर इसे लागू करने की योजना बनाई है। नई दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, असम समेत अन्य राज्यों की टीमों ने इस माडल को अपनाने के लिए यहां उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं और कार्यप्रणाली का अध्ययन किया है। मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और झारखंड से भी टीमें आने वाली हैं।
कोरोना महामारी के बीच तीन वर्ष पूर्व जिला अस्पताल रायपुर में विश्वस्तरीय सुविधाओं व अत्याधुनिक मशीनों के साथ हमर लैब तैयार की गई। यहां खून, पेशाब, विटामिन, थायराइड, हार्मोंस समेत 120 प्रकार की जांच की सुविधाएं निश्शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। वर्ष-2021 में हमर लैब में 4.20 लाख से अधिक सैंपल की जांच की गई, जो जिला अस्पताल के लिहाज से रिकार्ड है।
स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से रायपुर के माडल को राज्य के नौ जिलों ने अपनाया है। इनमें दुर्ग, बालोद, बलौदाबाजार, कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, सुकमा, बीजापुर व बलरामपुर जिले शामिल हैं। तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों मानपुर, पाटन व पलारी में भी हमर लैब की स्थापना की जा चुकी है। यहां वर्तमान में 90 प्रकार की जांच की जा रही है, जिसे बढ़ाने की कवायद चल रही है। राज्य सरकार हमर लैब योजना को सभी जिलों में शुरू करने की तैयारी कर रही है, ताकि इलाज में महंगी जांच रोड़ा न बनने पाए। गरीब मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके।
अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने किया पसंद
स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में दुनियाभर में काम करने वाले संस्थान क्लिंटन फाउंडेशन, पाथ फाउंडेशन, जान हाप्किंस प्रोग्राम फार इंटरनेशनल एजुकेशन इन गायनोकोलाजी एंड आब्सटेटिक फाउंडेशन आदि ने रायपुर की हमर लैब का निरीक्षण किया है। इन्होंने इसकी सराहना करते हुए इसे दूसरे राज्यों के साथ अन्य देशों के लिए भी माडल बताया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक -डा. प्रियंका शुक्ला ने कहा, बेहतर इलाज के लिए लैब की गुणवत्तापूर्ण डायग्नोस्टिक सेवा काफी महत्वपूर्ण है। हमर लैब की स्थापना इन्हीं सेवाओं को जमीनी स्तर पर दुरुस्त करने के लिए की गई है। देशभर में अब यह माडल बन चुकी है। इसे राज्य के सभी जिलों में लागू करने की प्रक्रिया चल रही है।