नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को यह दावा किया कि एक दिन पहले रामलीला मैदान में हुई ‘आप’ की महारैली में भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने भी हिस्सा लिया था। सीएम केजरीवाल ने रामलीला मैदान में बुलाई गई महारैली को लेकर दावा किया है कि इस अध्यादेश के खिलाफ बीजेपी के लोग भी हैं.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, अध्यादेश के खिलाफ कल राम लीला मैदान की रैली में भाजपा के भी कई लोग आए। भाजपा वाले भी कह रहे हैं – मोदी जी ने यह अध्यादेश लाकर सही नहीं किया।
अध्यादेश के ख़िलाफ़ कल रामलीला मैदान की रैली में बीजेपी के भी कई लोग आये। बीजेपी वाले भी कह रहे हैं – मोदी जी ने ये अध्यादेश लाकर सही नहीं किया।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 12, 2023
रामलीला मैदाने अध्यादेश के खिलाफ बुलाई गई रैली को संबोधित करते हुए दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 11 मई को देश की सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के हक में फैसला दिया और 19 मई को मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया. 75 साल में ऐसा पीएम आया है जो कहता है कि मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानता. आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, देश के अंदर जनतंत्र खत्म हो रहा है, इसी को तानाशाही और हिटलरशाही कहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जनता सुप्रीम है. मोदी जी का अध्यादेश कहता है कि दिल्ली की जनता सुप्रीम नहीं है एलजी सुप्रीम है.
क्या है केंद्र सरकार का अध्यादेश?
दिल्ली सरकार की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बीते 11 मई को देश की सर्वोच्च न्यायलय (सुप्रीम कोर्ट) ने कहा था कि राजधानी दिल्ली अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का आधिकार दिल्ली सरकार को है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को 19 मई को केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर पलट दिया. केंद्र के अध्यादेश के मुताबिक अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़ा अंतिम निर्णय लेने का हक उपराज्यपाल को वापस दे दिया गया है. यानी अब उपराज्यपाल अधिकारियों की पोस्टिंग या ट्रांसफर करेंगे.