नारायणपुर. बस्तर के नक्सल इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में चलाया गया, जिसमें नक्सली लीडर बवस राजू समेत 27 नक्सली मारे गए। इस ऐतिहासिक अभियान के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज नारायणपुर के बासिंग स्थित BSF कैंप पहुंचे, जहां उन्होंने जवानों का हौसला बढ़ाया। इस दौरान DRG के जवानों को गश्त के लिए 200 मोटरसाइकिलें वितरित की गईं। मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन में शहीद हुए जवानों के परिवारों से मुलाकात की और DRG के जवानों के साथ बैठकर भोजन भी किया, जिससे उनका मनोबल और भी ऊंचा हुआ।
इस दौरान लल्लूराम डॉट काम ने DRG की महिला कमांडो ने कहा कि पहली बार कोई मुख्यमंत्री उनके बीच आया, उनके साथ बैठकर भोजन किया और यह अनुभव उनके लिए गर्व का क्षण रहा। इस अभियान में उन्हें कठिन परिस्थितियों के बावजूद सफलता मिली और बीती रात उन्होंने अपनी जीत का जश्न भी मनाया।
मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को नारायणपुर के एसपी ने बताया कि यह सफलता किस तरह कठिन परिस्थितियों में हासिल हुई, कैसे उन्होंने 15 घंटे में 32 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया, नदी-नालों को पार किया और सीधे बसव राजू के डेरे तक पहुंचे। इस अभियान की रणनीति और साहसिकता की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने आपका सरकार, आपका ग्राम अभियान के तहत जनचौपाल लगाकर स्थानीय ग्रामीणों से संवाद किया। उन्होंने ग्रामीणों से पूछा कि क्या उन्हें राशन मिल रहा है, बिजली की व्यवस्था है या नहीं, क्या महतारी वंदन योजना का लाभ उन्हें समय पर मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वे यही देखने और सुनने के लिए आए हैं कि सरकार की योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर पहुंच रहा है या नहीं।

मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील दोहराई
सीएम साय ने कहा कि यह क्षेत्र नक्सलवाद से लंबे समय से प्रभावित रहा है। जब से उनकी सरकार सत्ता में आई है वे शांति बहाली के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, लेकिन नक्सल प्रभाव के कारण विकास अवरुद्ध था। अब जब केंद्र और राज्य दोनों में उनकी सरकार है तो बाकी क्षेत्रों की तरह यहां भी विकास होगा। उन्होंने नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील दोहराई और बताया कि अब तक 1300 लोग नक्सली विचारधारा छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।