शिशुओं के शारीरिक व मानसिक विकास पर हुई चर्चा
राजनांदगांव (दैनिक पहुना)। बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के उद्देश्य से जिले में शिशु संरक्षण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जिला चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम में शिशुओं के शारीरिक व मानसिक विकास पर चर्चा करते हुए सुपोषण के लिए हर दिन कुछ नया और बेहतर करने पर जोर दिया गया। वहीं टीकाकरण के साथ ही पात्र शिशुओं को विटामिन ए और आईएफए का सिरप पिलाया गया।
सुपोषण को प्राथमिकता देते हुए जिले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गांवों में रैली तथा परिचर्चा की जा रही है। बच्चों में व्याप्त कुपोषण एवं एनीमिया के स्तर में उल्लेखनीय कमी लाने के लिए जनसमुदाय तक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता संबंधित व्यापक प्रचार एवं प्रभावी व्यवहार परिवर्तन हेतु हितग्राहियों के बीच आवश्यक जानकारी प्रचारित की जा रही है। गर्भवती महिलाओं के शत-प्रतिशत पंजीयन व संपूर्ण टीकाकरण के कार्यों पर भी जोर दिया जा रहा है। कई गतिविधियों को डिजिटल जन आंदोलन के रूप में आयोजित किया जा रहा है। इसी कड़ी में शिशु संरक्षण दिवस के अवसर पर जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जिला चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बंसोड़ ने कहाः योजनाबद्ध तरीकों से कार्य करने पर स्थितियों को सुधारा जा सकता है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के संबंध में कई बेहतर कार्य किए जा सकते हैं। साथ ही गर्भवती महिलाओं के शत-प्रतिशत पंजीयन व संपूर्ण टीकाकरण भी आवश्यक है। यह उद्देश्य लेकर समुचित पोषण की अवधारणा को मूर्त रूप देने हेतु सभी जनप्रतिनिधियों, त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों, क्षेत्रीय अमले एवं जनसमुदाय के साथ समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व आंगनवाड़ी केंद्र जैसे स्थानों पर भी लोगों को पोषण की व्यापक जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि प्रत्येक बच्चे, गर्भवती महिला व शिशुवती माता को सुपोषण का संपूर्ण लाभ मिले।
इस बारे में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी आरके जांबुलकर ने बतायाः शिशुओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन के माध्यम से शिशुओं, गर्भवती महिलाओं व शिशुवती माताओं की देखभाल की जाती है। शिशु संरक्षण दिवस के अवसर पर आंगनवाड़ी केंद्रों में सुपोषण पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए गए। गर्भवती माताओं की स्वास्थ्य जांच की गई। वहीं पोषण आहार की सलाह के साथ नियमित टीकाकरण किया गया तथा पात्र शिशुओं को विटामिन ए और आईएफए का सिरप पिलाया गया।