बीजिंग: कोरोना महामारी से पूरी दुनिया को परेशानी में डालने वाला चीन (China) खुद एक नई परेशानी में घिर गया है. बूढ़ी होती आबादी ड्रैगन के सामने नई चुनौती बनकर उभरी है. स्थिति यह हो गई है कि अधिक बच्चे पैदा करने को लेकर बनाई गई नीति भी काम नहीं कर रही है. विवाह दर में भी यहां लगातार गिरावट देखने को मिली है. चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय के अनुसार, नवविवाहित जोड़ों की संख्या में 2021 की पहली तीन तिमाही में गिरावट आई है.
अब Life Partner जरूरी नहीं
मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल के आंकड़ों की तुलना में, तीसरी तिमाही में केवल 1.72 मिलियन (करीब 17 लाख) जोड़े शादी (Marriage) के बंधन में बंधे हैं. ‘रेडियो फ्री एशिया’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि शादी में कमी को सिर्फ COVID-19 महामारी से नहीं जोड़ा जा सकता, इसके पीछे कही न कहीं सरकार की ओर से किए गए वादे पूरे न होना भी एक वजह है. हाल ही में चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की यूथ लीग ने एक सर्वे किया था, जिसमें करीब 3000 लोगों ने कहा था कि वो अब जीवन साथी को जरूरी नहीं मानते.
Women भी नहीं करना चाहतीं शादी
इस सर्वे के अनुसार 43 फीसदी से अधिक महिलाओं का कहना है कि या तो वह शादी नहीं करेंगी या फिर इस बारे में कुछ नहीं कह सकतीं. चीन में शादी को लेकर यह अनिश्चितता आर्थिक स्थिति से भी जुड़ी हुई है, क्योंकि धनी शहरों में युवा लोग छोटे शहरों की तुलना में बिना शादी किए ही रहना चाहते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था जितनी अधिक विकसित होगी, उतने ही अधिक लोग सक्रिय रूप से अकेले रहना पसंद करेंगे.
Experts ने जताई ये आशंका
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है चूंकि देश में लगातार आर्थिक विकास हो रहा है, ऐसे में शादी नहीं करने वाले युवाओं की संख्या में बढ़ोतरी जारी रह सकती है. इस रिपोर्ट ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की चिंता बढ़ा दी है. बता दें कि चीन पहले जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सख्ती दिखा रहा था, लेकिन अब वो चाहता है कि लोग ज्यादा बच्चे पैदा करें. एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि यदि मौजूदा ट्रेंड कायम रहा, तो आने वाले समय में चीन का जनसंख्या ग्राफ तेजी से नीचे आ सकता है.