दिल्ली: कोरोना के आंकड़ों को दुनिया से छुपाने के लिए चीन कुछ भी करने को तैयार है। पहले उसने दैनिक मामलों को साझा करना बंद कर दिया। अब सामने आया कि कोरोना का सच छुपाने के लिए चीन ने डॉक्टरों पर भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, चीन में डॉक्टरों को एडवाइजारी जारी की गई है कि वे मौत के कारण को कोरोना की वजह से सूचीबद्ध करने से बचें।
एक रिपोर्ट के मुताबक, बीजिंग के एक अस्पताल में डॉक्टरों को कोरोना संक्रमण को मौत के प्राथमिक कारण के रूप में रिपोर्ट नहीं करने को कहा गया है। यह तब सामने आया है जब कथित तौर पर चीन में कोरोना से होने वाली मौतें बढ़ती जा रही हैं और चीन के शवदाह गृहों में लंबी कतार है, जिसके चलते लोग गलियों में अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, एक ग्रुप चैट के दौरान डॉक्टरों को कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर चेतावनी जारी की गई है। दरअसल, चीन में केवल वे लोग, जिन्हें कोरोना है और उनकी मौत सांस न आने के कारण होती है, उन्हें संक्रमण से मौत का कारण माना जाता है।
इसके अलावा पहले से ग्रसित बीमारियों वाले कोरोना मरीजों की मौत का कारण संक्रमण को नहीं माना जाता है। लेकिन नई एडवाइजरी के तहत डॉक्टरों से कहा गया है कि वे मृत्यु प्रमाण पत्रों पर मौत के प्राथमिक कारण को श्वसन विफलता न लिखें। बता दें, देश में बढ़ती मृत्यु दर के बाद भी चीन ने कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों को 5000 से थोड़ा अधिक रखा है।
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन पर अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों, कोरोना से होने वाली मृत्यु के आंकड़ों को छुपाने का आरोप लगाया है। एक प्रेस ब्रीफिंग में WHO के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि वे चीन में कोरोना के मामलों में वृद्धि को लेकर चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, चीन से कोरोना को लेकर आंकड़े सामने नहीं आ रहे हैं। यह आंकड़े डब्ल्यूएचओ और दुनिया के लिए उपयोगी है और हम सभी देशों को इसके लिए प्रोत्साहित करते हैं कि इसे साझा करें। बता दें, डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन निदेशक माइक रयान ने चीनी अधिकारियों से कोरोना को लेकर अधिक जानकारी साझा करने को कहा है।