शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे का दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन,, 92 की उम्र में ली आखिरी सांस

पुणे। मशहूर शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे का शनिवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. 92 वर्षीय डॉ. अत्रे हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के किराना घराने से जुड़ी थीं. संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा तीनों प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों- पद्म विभूषण, पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका को उस वक्त दिल का दौड़ा पड़ा, जब वे पुणे स्थित अपने आवास पर सो रही थीं. तकलीफ महसूस होने के बाद उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां सुबह साढ़े पांच बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. सूत्रों के मुताबिक, प्रभा अत्रे के परिवार के कुछ करीबी सदस्य विदेश में रहते हैं, उनके आने के बाद गायिका का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

गायिका को जनवरी 2022 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. इससे पहले उन्हें 2002 में पद्म भूषण से और 1990 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. वर्ष 1991 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया. इसके अलावा उन्हें राष्ट्रीय कालिदास सम्मान, टैगोर अकादमी रत्न पुरस्कार, दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार, हाफिज अली खान जैसे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया.

प्रभा अत्रे ने भारतीय शास्त्रीय गायन संगीत को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाने में अपना विशेष योगदान दिया. वे खयाल, ठुमरी, दादरा, गजल, गीत, नाट्यसंगीत और भजन जैसी कई संगीत शैली में सक्षम थीं. प्रभा अत्रे ने गुरु-शिष्य परपंरा में संगीत प्रशिक्षण लिया था. उन्होंने किराना घराना के सुरेशबाबू माने और हीराबाई बड़ोदकर से शास्त्रीय संगीत सीखा.

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