बीएनसी मिल का बंद होना राजनांदगांव के लिये काला अध्याय : हिन्दू युवा मंच

राजनांदगांव। राजनांदगांव जिला मुख्यालय में स्थित बंगाल नागपुर कॉटन मिल (बीएनसी मिल) बंद हुए 20 साल से अधिक हो चुके हैं। इस बीच चाहे पंद्रह साल राज करने वाली भाजपा हो या पाँच साल पूरे करने जा रही कांग्रेस किसी नें भी इसके स्थान पर कोई बड़ा उद्योग लगाने में दिलचस्पी नही दिखाई। दोनों ही राजनितिक दलों के निकम्मेपन और ईच्छाशक्ति के अभाव के कारण इसके बंद होने के बाद कोई बड़ा उद्योग धंधा राजनांदगाँव जिला मुख्यालय में दोबारा नही खोला जा सका। जहाँ रमन सरकार नें पंद्रह साल राज किया वहीं भूपेश सरकार नें लगभग साढ़े चार साल राज किया, इतने साल कम नही होते, उद्योग धंधे लगाने के लिये। भाजपा सरकार अपने शासनकाल में लॉलीपॉप देती रही तो कांग्रेस सरकार झुनझुना थमाते रही।

मिल के बंद होने की खींचतान की चर्चा हमेशा से ही गर्म रही लेकिन दोनों ही राजनितिक दलों नें अपने शासनकाल में किसी बड़े उद्योग की सौगात नही दी। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बीएनसी मिल के बंद होने का कारण गिनाते रहे और एक दूसरे पर आरोप मढ़ते रहे लेकिन केंद्र में बैठी भाजपा सरकार को और राज्य में बैठी कांग्रेस सरकार, दोनों ही नें अपने नकारेपन के कैरेक्टर से बाहर आने की कोशिश नही की। अब जब विधानसभा चुनाव सर पर है तब इसकी पूरी सम्भावना है कि, दोनों ही राजनितिक दल जिला मुख्यालय में किसी बड़े उद्योग की स्थापना का जिक्र अपने – अपने घोषणा पत्र में प्रमुखता से करेंगे, लेकिन इसकी भी पूरी सम्भावना है कि, घोषणा करने के बाद भी राजनांदगाँव की जनता हमेशा की तरह ठगी जायेगी।

विडंबना है कि, डॉ. रमन सिंह के उद्योग राज्य मंत्री रहते – रहते ही यह ग्रहण बीएनसी मिल पर लगा और उसका कलंक न तो स्वयं भाजपा ही धो पाई और न ही, कांग्रेस नें कभी इसके घाव भरने की कोशिश की। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की बात करें तो इन्होने भिलाई स्टील प्लांट से भी बड़ा प्लांट राजनांदगाँव में स्थापित करने का वायदा किया था, जिसका विज्ञापनों के माध्यम से जमकर प्रचार – प्रसार भी किया गया, उक्त घोषणा धरी की धरी रह गई, लेकिन वह कागजो पर भी उतर न सकी। वहीं राहूल गाँधी नें भी पिछले चुनाव के दौरान बीएनसी मिल के स्थान पर जूट मिल की स्थापना की सरेआम घोषणा की थी। दोनों ही राजनितिक दलों के कार्यकाल देखते ही देखते बीतते चलें गये लेकिन दोनों ही अपने वादे पर खरे नही उतरे। कुलमिलाकर देखा जाये तो दोनों ही दलों को जब – जब मौका मिला राजनांदगाँव की जनता को सब्जबाग दिखाकर केवल ठगने का ही काम किया है।

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