नियमितीकरण पर सीएम भूपेश बघेल बोले…..!

रायपुर। अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने के प्रश्न पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। इनमें प्रमुख सचिव विधि और विधायी कार्य विभाग, सचिव सामान्य प्रशासन, वित्त विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग सदस्य हैं.
कांग्रेस विधायक प्रीतम राम के प्रश्न पर सीएम बघेल ने अपने जवाब में बताया कि समिति की पहली बैठक 9 सितंबर 2020 को हुई थी. इसमें समिति द्वारा सभी विभागों के अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्यात्मक जानकारी चाही गई है. शासन के 38 विभागों से जानकारी प्राप्त हुई है. आठ विभागों से जानकारी अप्राप्त है. समिति की अनुशंसा के अनुसार अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विधि एवं विधायी कार्य विभाग से अभिमत चाहा गया है. विधि विभाग द्वारा उक्त के संबंध में महाधिवक्ता का अभिमत चाहा गया है. विधि विभाग के टीप दिनांक 28 मई 2019 में लेख किया गया है कि महाधिवक्ता का अभिमत प्राप्त होने पर सामान्य प्रशासन विभाग को प्रेषित किया जाएगा, जो अपेक्षित है. समिति की द्वितीय बैठक दिनांक 16 अगस्त 2022 को हुई थी, जिसमें समिति ने इन पांच बिंदुओं पर सभी विभागों से जानकारी मांगी है…
विभागों में पदस्थ अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा पर कार्यरत कर्मचारी क्या खुले विज्ञापन/ भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त हुए हैं?
क्या कार्यरत कर्मचारी उक्त पद की निर्धारित शैक्षणिक / तकनीकी योग्यता रखते हैं?
कार्यरत कर्मचारी जिस पद पर कार्य कर रहा है, क्या वह पद संबंधित विभाग के पद संरचना / भर्ती नियम में स्वीकृत है? क्या उक्त नियुक्ति में शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों (अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग) का पालन किया गया है?
सीएम ने बताया है कि 24 विभागों से जानकारी प्राप्त हुई है. शेष 22 विभागों से जानकारी अप्राप्त है. शासन स्तर पर अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किए जाने हेतु विधिवत / नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है. समय सीमा बताना संभव नहीं है?

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