छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बयान पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष और विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंत्री के बयान के आधार पर सीएम भूपेश बघेल की वंशावली को खोजना चाहिए। वंशावली खोजकर सिद्ध भी कर देना चाहिए। कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री आदिवासी के नाम से विवाद में फंसे हुए थे। उसका निराकरण बाद में कैसे-कैसे हुआ यह जनता से छिपा नहीं है। लखमा के बयान पर एक रिसर्च टीम बैठानी चाहिए। मंत्री के बयान को गंभीरता से लेते हुए इस बात जांच करनी चाहिए कि भूपेश बघेल के पूर्वज आदिवासी रहे हैं। आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बयान को गंभीरता से लेना चाहिए। कौशिक ने आरएसएस पर मुख्यमंत्री के बयान पर भी पलटवार किया।
दरअसल, आबकारी मंत्री कवासी लखमा हमेशा अपने बयानों से सुर्खियों में रहते हैं। एक दिन पहले उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का भगवान बताया था। उन्होंने कहा था कि पूरा देवी-देवता भूपेश बघेल के सिर पर चढ़ा हुआ है। भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के भगवान हैं। उनसे गलत बात करने वाला ज्यादा दिन नहीं टिकेगा। गोमाता हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा माता है। गोवंश सबसे बड़ी चीज है। गोबर और गोमूत्र खरीदने वाली सरकार भगवान से कम नहीं है। लखमा ने यहां तक कहा कि सीएम भूपेश बघेल के कोई पूर्वज आदिवासी रहे होंगे। उन्होंने देवगुड़ी बनाने से बारिश होने की बात भी कही थी।
पहले भाजपा को समझ लें फिर संघ को समझें: कौशिक
आरएसएस के समन्वय बैठक पर सीएम भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए धरमलाल कौशिक ने कहा कि शायद वे समन्वय बैठक की परिभाषा गलत दिशा में बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेसियों को संघ के कार्यों, संघ की संस्कृति, संघ के कल्चर के बारे में जानकारी नहीं है। जिस बारे में जानकारी नहीं है उस पर बयान देने का कोई औचित्य नहीं है। आरएसएस की समन्वय बैठकें होती रहती है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखना चाहिए कि वो संघ और भाजपा को कितना समझते हैं। पूरे हिन्दुस्तान में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। इसलिए पहले भाजपा को समझ लें फिर संघ को समझें।