सुपोषण के लिए हर दिन नया और बेहतर करने पर जोर
राजनांदगांव (दैनिक पहुना)। बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा शिशुवती माताओं में सुपोषण के लिए जिले में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दौरान गर्भवती महिलाओं के शत-प्रतिशत पंजीयन व संपूर्ण टीकाकरण के कार्यों पर जोर देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को विभिन्न दिशा-निर्देश दिए हैं।
सुपोषण को प्राथमिकता देते हुए जिले में जन-जागरुकता से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गांवों में रैली तथा परिचर्चा की जा रही है। बच्चों में व्याप्त कुपोषण एवं एनीमिया के स्तर में उल्लेखनीय कमी लाने के लिए जनसमुदाय तक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता संबंधित व्यापक प्रचार एवं प्रभावी व्यवहार परिवर्तन हेतु हितग्राहियों के बीच आवश्यक जानकारी प्रचारित की जा रही है। कई गतिविधियों को डिजिटल जन आंदोलन के रूप में आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की दशा-दिशा की जानकारी लेने तथा विभागीय समन्वय की स्थिति जानने के उद्देश्यों को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी ने संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों की बैठक ली है।
बैठक में सुपोषण के लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि और कार्यों की संपूर्ण रिपोर्टिग की स्थितियों को केंद्रित करते हुए उन्होंने समीक्षा की और कहा, योजनाबद्ध तरीकों से कार्य करने पर स्थितियों को सुधारा जा सकता है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के संबंध में कई बेहतर कार्य किए जा सकते हैं। साथ ही गर्भवती महिलाओं के शत-प्रतिशत पंजीयन व संपूर्ण टीकाकरण कार्यों को प्राथमिकता से पूरा किया जाना चाहिए। सीएमएचओ ने एनआरसी का अधिक से अधिक लाभ सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है और कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित कर उनके परिजनों की पर्याप्त काउंसलिंग कर एनआरसी का लाभ दिलाने के प्रयास के बारे में निर्देशित किया है। इस कार्य में महिला एवं बाल विकास की भी मदद ली जा सकती है। इसके अलावा स्वास्थ्य के क्षेत्र में समस्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर चलाए जा रहे कार्यक्रमों की समीक्षा भी बैठक में की गई, जिसमें जनकल्याणकारी समस्त योजनाओं को जनता तक पहुंचाकर शासकीय व्यवस्थाओं का लाभ अधिकतम जरूरतमंदों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी को भी गंभीरता से निभाने के लिए कहा है।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. मिथिलेश चौधरी ने बताया, समुचित पोषण की अवधारणा को मूर्त रूप देने हेतु सभी जनप्रतिनिधियों, त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों, क्षेत्रीय अमले एवं जनसमुदाय के साथ समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व आंगनवाड़ी केंद्र जैसे स्थानों पर भी लोगों को पोषण की व्यापक जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि प्रत्येक बच्चे, गर्भवती महिला व शिशुवती माता को सुपोषण का संपूर्ण लाभ मिले।