प्रदेश में कुल 10 ठिकानों पर रेड
बता दें, आर्थिक अपराध विंग (EOW) ने ‘शराब घोटाला’ और ‘कोयला घोटाला’ मामलों में रविवार की सुबह राजधानी रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में कुल 10 ठिकानों पर छापेमारी की. राजधानी रायपुर में शराब कारोबारी अवधेश यादव और उनके सहयोगियों के 3 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की. इसके अलावा सौम्या चौरसिया के निजी सहायक रहे जयचंद कोसले के सभी ठिकानों पर भी दबिश कार्रवाई पूरी कर ली गई है. दोनों घोटालों से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, नगदी और तकनीकी उपकरण जब्त किए गए जिनकी जांच फिलहाल जारी है. साथ ही यह कार्रवाई सुबह से रात लगभग 11ः30 बजे तक चली. रेड कार्रवाई के दूसरे दिन 22 सितंबर, सोमवार को जयचंद की गिरफ्तारी कर कोर्ट में पेश किया, जहां से 4 दिन के लिए उसे ईओडब्ल्यू की रिमांड में भेजा गया है.
क्या है कोयला घोटाला मामला ?
ED की जांच में सामने आया कि कुछ लोगों ने राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों से मिलीभगत के बाद ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर कोयला ट्रांसपोर्ट करने वालों से अवैध वसूली की. जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच कोयले के हर टन पर 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली गई. 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया गया था.
खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्रोई ने आदेश जारी किया था. यह परमिट कोल परिवहन में कोल व्यापारियों को दिया जाता है. पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया. इसमें जो व्यापारी पैसे देता उसे ही खनिज विभाग से पीट और परिवहन पास जारी होता था, यह रकम 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा होती थी. इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपये की वसूली की गई.

