राजनांदगांव। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शासन की योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के तहत निर्मित गौठान तथा वहां महिला स्वसहायता समूह की गतिविधियों के संचालन के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि सुराजी गांव योजना शासन की फ्लैगशिप योजना है। इसके तहत गौठान का निर्माण किया गया है जिसमें स्वसहायता समूह की महिलाओं की विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित होनी चाहिए। समूह को गतिविधियों के माध्यम से आय होना चाहिए। उन्होंने गौठान में आजीविका मूलक गतिविधियां प्रारंभ करने के निर्देश दिए। बकरी पालन, मुर्गी पालन, डेयरी पालन जैसी गतिविधियों से अधिक आय प्राप्त होती है ऐसी गतिविधियां गौठानों में संचालित करें। बाड़ी में सिंचाई के लिए ड्रिप का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौठानों में चल रहे निर्माण कार्य जल्द पूरा कर आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ करें।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि शासन द्वारा स्वसहायता समूह द्वारा उत्पादित वस्तुओं का क्रय छात्रावास, आंगनबाड़ी, स्कूल, आश्रम में करने के निर्देश दिए गए है। यहां कोई भी सामान बाहर से क्रय नहीं किया जाना चाहिए। एसडीएम सभी हास्टल अधीक्षक, सीडीपीओ, संकुल प्रभारी की बैठक लेकर स्वसहायता समूह द्वारा उत्पादित वस्तुओं को क्रय करने के लिए निर्देशित करें। जिससे समूह द्वारा उत्पादित सामानों का विक्रय होगा और लाभ मिलेगा। उन्होंने गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण लगातार होना चाहिए। वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय में तेजी लाए। उन्होंने कहा कि गौठान के निरीक्षण के लिए अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सभी गौठानों का भ्रमण करें और वहां बाड़ी, वर्मी कम्पोस्ट सहित समूह के आजीविका के लिए संचालित गतिविधियों का अवलोकन करें।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि माह जून में वृहद स्तर पर पौधरोपण किया जाना है। सभी पंचायतों में इसके लिए जगह चिन्हांकित करें। ग्राम सभा से प्रस्ताव पारित कर पौधरोपण के लिए स्थान सुरक्षित रखे। मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की राशि पंचायतों को दी जाएगी।
जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर ने कहा कि तीसरे फेज में नवीन गौठान निर्मित किए जा रहे हैं। वहां गौठान समिति बनाई जाए। गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तथा स्वसहायता समूह की गतिविधियां संचालित करें। उन्होंने कहा कि गौठानों में सभी आय-व्यय का विवरण रजिस्टर में रिकार्ड करके रखें। गौठान में चारागाह के लिए स्थान उपलब्ध कराया गया है। वहां चारा उत्पादन करना सुनिश्चित करें। बैठक में जिला स्तरीय अधिकारी, जनपद पंचायतों के सीईओ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सभी एसडीएम जुड़े रहे।