दलबदल के खिलाफ आयोग कड़े करें नियम : रिजवी

 

रायपुर। दलबदल कानून को सख्त करने के लिए मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने भारत निर्वाचन आयोग को एक पत्र प्रेषित किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि दलबदल की इस कुप्रथा को रोकने के लिए आयोग को आज कड़े नियम बनाने पड़ेगें। पद और पैसे का लालच इसका प्रमुख कारण है। इसमें राजनैतिक दलों का सहयोग भी आवश्यक है। किसी भी दल के उम्मीदवार से नामांकन भरने से पूर्व अभ्यर्थी से अपने दल से किसी और दल में न जाने का शपथ पत्र लिया जाए और नामांकन दाखिल करते समय प्रस्तुत किए जाने वाले शपथ पत्र में भी इस आशय का समावेश किया जाए।
रिजवी ने दलबदल पर अंकुश लगाने के लिए संहिता में संशोधन करने कुछ सिफारिश भी की है। सबसे पहले दलबदल करने वाले जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त कर दूसरे नम्बर के पराजित प्रत्याशी को विजयी घोषित कर देने का प्रावधान किया जाए तथा छह वर्षों तक कोई भी चुनाव लड़ने अपात्र घोषित करने का आयोग की आचार संहिता में संशोधन किया जाए। दल एवं मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी और विश्वासघात करने का अपराध पंजीबद्ध किया जाए। झूठा शपथ पत्र देने पर जनप्रतिनिधि पर मुकदमा चलाया जाए क्योंकि झूठा शपथ पत्र देने वाले व्यक्ति को दो साल तक की सजा देने का प्रावधान दण्ड प्रक्रिया संहिता में पहले से लागू है। जनता से निवेदन है कि दलबदलू जनप्रतिनिधि जब दुबारा किसी अन्य दल से खड़ा होता है तो उसे सिरे से नकार दें क्योंकि आजकल दलबदल एक तरह से पेशा बन गया है जिसे रोकने आयोग एवं जनता दोनों का सहयोग आवश्यक है। इसी कड़ी में गत् दिवस देश के सर्वोच्च न्यायालय ने संज्ञान लेकर बहुत तल्ख टिप्पणी करते हुए चैनलों के एंकरों की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए केन्द्र सरकार से जवाब-तलब किया है।

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