राजस्थान के उदयपुर में तीन दिवसीय विचार-मंथन सत्र से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि पार्टी ‘एक परिवार, एक टिकट के नियम’ पर पूरी तरह से एकमत है। उन्होंने कहा कि इस चिंतन शिविर के बाद पार्टी में बड़े संगठनात्मक बदलाव किए जाएंगे। अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस में ‘‘एक परिवार, एक टिकट’’ के प्रस्ताव पर पूरी तरह से सहमति है और परिवार के दूसरे सदस्य को कम से कम पांच साल तक संगठन में काम करने पर टिकट मिलेगा।
माकन ने कहा, “इस प्रस्ताव पर पैनल के सदस्यों के बीच लगभग पूरी तरह से एकमत सहमति है कि पार्टी के नेता अपने परिवार और रिश्तेदारों को टिकट नहीं देंगे। पार्टी नेता यह सुनिश्चित करेंगे कि परिवार या रिश्तेदारों को पार्टी में बिना किसी काम के टिकट न दें, उन्हें टिकट दिए जाने से पहले पार्टी में कम से कम 5 साल तक काम करना होगा।”
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां तक कि अगर चिंतन शिवर में ‘एक परिवार, एक टिकट’ नियम को मंजूरी दे दी जाती है, तो शायद ही यह नियम गांधी परिवार पर लागू हो। नेताओं का कहना है कि कांग्रेस “सांप्रदायिक ध्रुवीकरण” पर चर्चा की योजना बना रही है और राज्य के चुनावों और 2024 के राष्ट्रीय चुनाव की तैयारी कर रही है।
अजय माकन ने कहा, “कोई भी व्यक्ति जो लगातार पद पर रहा है उसे पद छोड़ना होगा और उस व्यक्ति के उसी पद पर वापस आने पर तीन साल के कूलिंग पीरियड से गुजरना होगा।” उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में यह भी प्रस्ताव रखा गया है कि संगठन में हर स्तर पर 50 प्रतिशत जगह युवाओं को दी जाए। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ब्लॉक और बूथ समितियों के बीच मंडल समिति बनाने पर सहमति, एक मंडल समिति में 15 से 20 बूथ होंगे।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘ कांग्रेस में काम करने की व्यवस्था बहुत पुरानी है। इस चिंतन शिविर के माध्यम से इसमें आमूल-चूल परिवर्तन किया जाएगा।’ चिंतन शिविर के लिए बनी कांग्रेस की संगठन संबंधी समन्वय समिति के सदस्य माकन ने कहा, “संगठन का निचला स्तर बूथ समिति का होता है। ब्लॉक समिति के नीचे बूथ आते हैं। लेकिन अब इनके बीच में, मंडल समिति बनाने का प्रस्ताव है। हर मंडल समिति में 15 से 20 बूथ होंगे। इस पर सर्वसम्मति भी है।”
उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण और इस तरह के अन्य कार्यों के लिए पार्टी में “पब्लिक इनसाइट डिपार्टमेंट’ बनाने का भी प्रस्ताव है। माकन ने कहा, “इसके अलावा यह भी प्रस्ताव है कि पदाधिकारियों के कामकाजी प्रदर्शन की जांच परख के लिए आकलन इकाई (असेसमेंट विंग) बने ताकि अच्छी तरह काम करने वालों को जगह मिले और काम नहीं करने वालों को हटाया जाए।”