रायपुर. छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के छापों को कांग्रेस ने ऑपरेशन कमल बताया है. राजीव भवन में मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उन्हें जान-बूझकर टार्गेट किया जा रहा है. ईडी को यह खुलासा करना चाहिए कि अब तक के छापों में क्या मिला? किस नेता के यहां कितनी संपत्ति का खुलासा हुआ और कितना कैश बरामद हुआ? राजीव भवन में खनिज निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन ने कहा कि वे पारिवारिक रूप से राजनीति से जुड़े हैं और सेवा भाव से राजनीति करते हैं. हाल में ईडी के जो छापे पड़े हैं, उसके बारे में कहा जा रहा है कि किसी कोयले से संबंधित मामले की जांच के लिए छापे मारे जा रहे हैं. मैं खनिज निगम का अध्यक्ष हूं, लेकिन मेरा या मेरे परिवार के किसी सदस्य का कोयले से जुड़ा कोई काम नहीं है. खनिज निगम के माध्यम से भी कोयले से जुड़ा कोई काम नहीं किया जाता. इसके बावजूद मेरे घर पर छापे मारे गए. ऐसे समय में यह छापा मारा गया, जब कांग्रेस का राष्ट्रीय महाधिवेशन होना था और सारे कार्यकर्ता उत्साहित थे और अपने-अपने काम में लगे हुए थे.
देवांगन ने आरोप लगाया कि महाधिवेशन को डिस्टर्ब करने के लिए छापे मारे गए. छापे पड़े लेकिन ईडी ने यह नहीं बताया कि किसी के घर से क्या मिला. ईडी को यह खुलासा करना चाहिए. ईडी डराने के लिए यह छापे मार रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं. देवांगन ने कहा कि ईडी के अफसर भी दबी जुबान में यह कह रहे थे कि किसी के इंस्ट्रक्शन में ये छापे मारे जा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि गलत इंफॉर्मेशन में आ गए थे. ऐसे छापों से ईडी का नाम बदनाम हो रहा. ईडी हंसी का पात्र बन रही है.
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की मजबूत सरकार है, इसलिए ईडी के जरिये ऑपरेशन लोटस चलाया जा रहा है. इसके खिलाफ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से शिकायत की गई है.