नई दिल्ली. ‘बजरंग दल विवाद’ के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि कर्नाटक चुनाव से संबंधित उनकी पार्टी के घोषणा-पत्र में यह कतई नहीं कहा गया है कि राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बनने की स्थिति में संगठन (बजरंग दल) पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा, लेकिन नफरत फैलाने वाले सभी संगठनों के खिलाफ कानून के दायरे में ‘निर्णायक कार्रवाई’ किए जाने का वादा जरूर किया गया है. चिदंबरम ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा की जा रही आलोचनाओं को लेकर उस पर पलटवार करते हुए बजरंग दल की तुलना ‘बजरंगबली’ से किए जाने पर सवाल भी उठाया और पूछा कि इस ‘जादुई परिवर्तन’ की व्याख्या कैसे की जा सकती है.
कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने विश्वास जताया कि राज्य के लोग बुद्धिमानी से अपने प्रतिनिधि का चयन करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीदवारों का चयन तय करेगा कि कर्नाटक एक उदार, लोकतांत्रिक, बहुलवादी, सहिष्णु और प्रगतिवादी मॉडल बनेगा या फिर अंतर्मुखी, बहुसंख्यकवादी, असहिष्णु और दमनकारी राज्य.
कांग्रेस नेता ने कहा ‘लोकतंत्र और कर्नाटक के भविष्य के लिए, हमें भाजपा को कर्नाटक में जीतने और इस जीत को पड़ोसी राज्यों में भुनाने से रोकना चाहिए.’ राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने के भाजपा के वादे के बारे में पूछे जाने पर, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दोनों ऐसे मुद्दे हैं, जो समाज को विभाजित करने और सामाजिक संघर्ष को बढ़ावा देने की क्षमता रखते हैं.
चिदंबरम ने आगे कहा ‘कुछ उत्तरी और पूर्वोत्तर राज्यों में जो कुछ हुआ है, उसका हमें अनुभव है.’ कांग्रेस के घोषणा-पत्र में ‘बजरंग दल’ जैसे संगठनों के खिलाफ संभावित कार्रवाई के वादे को भाजपा द्वारा चुनावी मुद्दा बनाए जाने और इससे चुनाव पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा-पत्र में ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है कि ‘हम बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाएंगे.’
चिदंबरम ने कहा, ‘कृपया दो वाक्यों को फिर से पढ़ें. इसमें दो संगठनों का जिक्र है, जो कठोर भाषा का इस्तेमाल करते हैं और चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होते हैं. कांग्रेस ने नफरत फैलाने वाले सभी संगठनों को चेतावनी दी है.’ उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस ने कानून के तहत ‘निर्णायक कार्रवाई’ का वादा किया है. यही नहीं, कानून के तहत किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाना एक न्यायिक प्रक्रिया है. मुझे आश्चर्य हुआ कि बजरंग दल ‘बजरंगबली’ कैसे बन गया! क्या आप इस जादुई परिवर्तन की व्याख्या कर सकते हैं?’ बता दें कि कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 10 मई को होंगे और मतगणना 13 मई को की जाएगी.