रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज भारत मंडपम, आईटीपीओ प्रगति मैदान में छात्र-छात्राओं से ‘परीक्षा पे चर्चा‘ कर रहे हैं. पीएम मोदी स्कूली बच्चों को तनावमुक्त परीक्षा दिलाने के टिप्स दे रहे हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री ने अन्य विद्यार्थियों के साथ ही छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के सरस्वती शिशु मंदिर हायर सेकेंडरी स्कूल के कक्षा 9वीं की उमेश्वरी ओटी को अपने पास में बैठाया है.
बता दें कि, राजधानी रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आयोजित किया है. इसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल हुए हैं.
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, मां-बाप अपने बच्चों को कोसते रहते हैं कि सिर्फ खेलते रहता है, दूसरे से कंपेयर भी करते हैं. जो मां-बाप सफल नहीं हुए ओ परिजन अपने बच्चे के रिपोर्ट कार्ड को अपना विज़िटिंग कार्ड समझ लेते हैं. उन्होंने कहा, दोस्ती कोई लेन-देन का खेल है क्या? मैंने ऐसे दोस्त देखा है, जो फेल हो गया, लेकिन दोस्त के टॉप करने का मीठा बांटता है. मैंने ऐसे भी दोस्त देखा है जो अपने ज़्यादा अंक लाना का उत्सव नहीं मनाते, क्योंकि उसके दोस्त का कम अंक आया है.
कांकेर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र शेख कैफुर रहमान ने पीएम मोदी से सवाल पूछा कि, परीक्षा के दौरान तनाव के करण प्रश्न को ध्यान से नहीं पड़ पाते इसलिए कई गलतियां हो जाती है. इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि, घूम फिर के फिर तनाव आ गया. गलतियां अति उत्साह के कारण भी होता है, चाहे मां-बाप का हो या बच्चों का. ठीक परीक्षा के समय पर बच्चों का पहुंचना भी तनाव का कारण है. परीक्षा के कम से कम 15 मिनट पहले पहुंचे. मस्ती में रहिए और खुद में खो जाओ.
उन्होंने कहा कि, अर्जुन के पक्षी के आंख वाली कथा सुनते जानते हैं, लेकिन जीवन में नहीं उतरते. परीक्षा के दौरान ध्यान लक्ष्य में होना चाहिए. लिखने की आदत नहीं होने, कम होने का कारण जानते हुए भी नहीं लिख सकते. लगातार लिखने के प्रयास से आपको अपने लिखने का स्पीड का अंदाजा होगा कि कितने समय में कितना लिख सकते हैं तो सवाल कैसे छूटेगा, प्रैक्टिस ही समाधान है.