पहुना राजनांदगांव। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में खेती का काम तेजी के साथ शुरू हो चुका है। प्रदेश में किसान अपने खेतों में दिन-रात पसीना बहा रहे हैं. किन्तु बीते दो महीनों से प्रदेश सरकार द्वारा खाद बीज की सप्लाई में तेजी नहीं ला पाने के कारण किसान परेशान व खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है. अल्प वर्षा से किसानों के माथे में लकीरें पैदा हो रही है वहीं प्रदेश कि कांग्रेस सरकार कुर्सी दौड़ में लगी है. श्री शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि अपने खास लोगो को फायदा पहुँचाने के लिए कांग्रेस सरकार यूरिया व डीएपी कि कालाबाजारी में लिप्त है. 265 एमआरपी वाली खाद को निजी दुकानों के माध्यम से 500-600 में बेचा जा रहा है. शासकीय सहकारी समितियों में कृत्रिम रूप से खाद की कमी दर्शा कर किसानो के साथ छल किया जा रहा है. दिखावे के लिए दुकानों में छापेमारी की जा रही है.
प्रदेश प्रवक्ता ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश में डीएपी खाद 1850 से कम कर 1200 रुपए में किसानों को उपलब्ध कराने के आदेश दिनांक 20.04.2021 को जारी कर दिए गए थे. किंतु छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हठधर्मिता व केंद्र सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से अगले 46 दिन तक पुराने दर पर ही डीएपी खाद बेच कर लगातार अखबारों में खाद के रेट कम करने व केंद्र द्वारा डीएपी उपलब्ध नहीं कराने के बयान व विज्ञप्ति जारी करते रहे. इन 46 दिनों के दौरान वसूली गयी अधिक राशि का समायोजन करना छोड़ प्रदेश की सरकार उलटे केंद्र पर आरोप लगा रही है.