रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में हार के बाद पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) में बगावत के सुर उठने लगे है, जिसके बाद पार्टी के खिलाफ बयान बाजी करने वालों पर पार्टी ने एक्शन लिया है. नेता हो या पूर्व विधयक पार्टी के खिलाफ बयान बाजी करने वालों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है. इसी कड़ी में आज पीसीसी ने प्रदेश कांग्रेस महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस कमेटी महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला ने प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर अपना दुख और गुस्सा जाहिर किया था. उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि, नेता प्रतिपक्ष चयन की औपचारिकता भी पूरी कर ली गई. दिल्ली के नेताओं के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन का हब और मौज मस्ती का केंद्र बन गया है.
चंद्रशेखर शुक्ला ने पत्र में लिखा कि ‘जो हार के कारणों के लिए जिम्मेदार था उन्हीं के साथ चुपचाप मीटिंग कर ली गई. नेता प्रतिपक्ष चयन की औपचारिकता भी पूरी कर ली गई. दिल्ली के नेताओं के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन का हब और मौज मस्ती का केंद्र बन गया है. एक एक प्रकोष्ठ में चार चार अध्यक्ष बनाए गए हैं. पैसे लेकर नियुक्तियां की गई है. जोगी कांग्रेस के लोगों को उपकृत किया गया’. इतना ही नहीं उन्होंने भूपेश बघेल सरकार की योजनाओं पर भी सवाल खड़े किए.
चंद्रशेखर शुक्ला ने पत्र में सवाल करते हुए लिखा था कि हमारी योजनाएं और प्लानिंग क्यों धाराशाही हुई ? हमारे सर्वे जो 7-7 बार हुआ, वह क्यों असफल हुआ ? नेताओं को क्षेत्र बदलकर, (महंत राम सुन्दर दास जी एवं छाया वर्मा जी) क्यों चुनाव लड़वाया गया ?ब्लॉक एवं जिला कांग्रेस कमेटी से आए नामों पर, क्यों नहीं टिकिट बांटा गया ? दुख के साथ लिखना पड़ रहा है कि दिल्ली के नेताओं का छत्तीसगढ़ राजनीतिक पर्यटन हब, मौज-मस्ती का केन्द्र बन गया है. एक-एक प्रकोष्ठ में 4-4 प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए. L.D.M. रूपी के तमाशा किया गया. पैसे लेकर नियुक्तियां की गईं. जिस जोगी कांग्रेस को बामुश्किल हमनें संघर्ष कर बाहर किया था, उन्हें बुला-बुलाकर उपकृत कर, राजनीतिक और शासकीय पदों से सम्मानित किया गया.