विजय वडेट्टीवार ने कहा कि पहलगाम की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. उन्होंने सवाल उठाया कि 200 किलोमीटर की दूरी से आतंकवादी कैसे पहुंच जाते हैं, क्या यह इंटेलिजेंस की विफलता नहीं है. वडेट्टीवार ने यह भी कहा कि इस गंभीर गलती को स्वीकार करने के बजाय, सरकार का ध्यान इस बात पर है कि धर्म पूछकर हत्या की गई. क्या आतंकवादियों के पास इतना समय होता है कि वे लोगों से धर्म पूछें? उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सुरक्षा चूक पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, न कि मामले को दूसरी दिशा में मोड़ना चाहिए.
देश में हिंदू-मुस्लिम की राजनीति न हो
विजय वडेट्टीवार ने अपने विवादास्पद बयान के बाद स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने लोगों का धर्म पूछा और कलमा पढ़ने के लिए कहा, जो कि पाकिस्तान की ओर से हमारे देश को धर्म के आधार पर विभाजित करने की एक साजिश है. उन्होंने यह भी कहा कि देश में हिंदू-मुस्लिम राजनीति नहीं होनी चाहिए और सरकार को आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, जिसमें वे सरकार के साथ खड़े हैं.
आतंकियों ने कलमा पढ़ने को कहा था
आतंकियों ने हत्या से पहले धर्म की पहचान की. जब उन्हें संदेह हुआ, तो उन्होंने कलमा पढ़ने के लिए कहा. जैसे ही यह स्पष्ट हुआ कि पर्यटक हिंदू हैं, उन्होंने गोली चला दी. इसके साथ ही आतंकियों ने यह भी कहा कि यह संदेश देश के प्रधानमंत्री मोदी को पहुंचा दिया जाए.
रॉबर्ट वाड्रा की बयान पर आई सफाई, बोले- गलत समझा गया
सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने इस मामले में विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुसलमानों में यह भावना है कि उन्हें कमजोर किया जा रहा है, और इसी कारण से हमला हुआ. उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ, जिसके बाद उन्होंने अपने शब्दों को पलटते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से समझा गया. वाड्रा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि यदि वहां सुरक्षा मजबूत होती, तो इस तरह का हमला हिंदू समाज पर नहीं होता.
शशि थरूर के खिलाफ कांग्रेस नेता उदित राज
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर के नरम रुख पर कांग्रेस के उदित राज ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उदित ने थरूर की राजनीतिक निष्ठा पर सवाल उठाते हुए उनसे यह स्पष्ट करने की मांग की है कि उनकी निष्ठा वास्तव में किसके प्रति है. यह बयान पार्टी के भीतर की असहमति को उजागर करता है और थरूर की स्थिति पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है.
उदित राज ने शशि थरूर पर तीखा हमला करते हुए सवाल उठाया कि क्या थरूर कांग्रेस पार्टी में हैं या भाजपा में? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या थरूर भाजपा के प्रवक्ता बनने की कोशिश कर रहे हैं. राज ने थरूर को भाजपा से यह पूछने की सलाह दी कि सरकार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को कब वापस लेने की योजना बना रही है, या क्या वे भाजपा के पक्ष में वकालत करने लगे हैं.
उदित राज की यह प्रतिक्रिया थरूर के उस बयान के संदर्भ में आई है, जिसमें उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तुलना इजरायल पर हुए हमले से की थी. थरूर ने यह भी कहा कि किसी भी देश की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो सकती. इजरायल, जो अपने सैन्य अभियानों के लिए विश्वभर में जाना जाता है, के बावजूद हमास ने उनके क्षेत्र में एक बड़ा नरसंहार किया.
थरूर ने केंद्र सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोई भी सुरक्षा तंत्र पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो सकता. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इजरायल, जिसे दुनिया की सबसे मजबूत सुरक्षा व्यवस्था वाला देश माना जाता है, के साथ भी 7 अक्तूबर को हमला हुआ. उनका मानना है कि इजरायल की तरह हमें भी मौजूदा संकट के समय में सरकार से जवाबदेही की मांग करनी चाहिए. किसी भी देश के पास 100 प्रतिशत खुफिया जानकारी होना संभव नहीं है.
थरूर के अनुसार, हमारी खुफिया एजेंसी और सेना कई आतंकवादी हमलों को सफलतापूर्वक रोक देती हैं, लेकिन इन उपलब्धियों पर ध्यान नहीं दिया जाता, जबकि विफलताओं को अधिक प्रमुखता दी जाती है. इस पर उदित राज ने सवाल उठाया कि 9/11 के बाद अमेरिका में कौन सी आतंकवादी घटना हुई है? क्या यह बयान भाजपा के प्रवक्ता के समान नहीं है?