कांग्रेस के विधायकों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा, कही यह बात

 

नई दिल्ली: गुजरात का बिलकिस बानो गैंगरेप केस एक बार फिर सुर्खियों में है. कारण, गुजरात सरकार नेमामले में सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया है. जिसके बाद पीड़ित परिवार से लेकर विपक्ष तक सरकार के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. इस बीच कांग्रेस के 3 विधायकों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर बिलकिस बानो के गुनहगार की जेल मुक्ती के राज्य सरकार के फैसले को निरस्त करने की मांग की गई है. दरअसल, कांग्रेस को तीन विधायक इमरान खेडावाला, ग्यासुद्दीन शेख़ और मुहम्मद पीरज़ादा ने ये पत्र लिखा है.

आजतक की खबर के मुताबिक राष्ट्रपति को लिखे पत्र में विधायकों ने कहा, “गुजरात में 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के मामले में 11 अपराधियों को रिहा करने का गुजरात सरकार का फैसला चौंकाने वाला है. इसलिए हम गुजरात के तीन विधायक ग्यासुद्दीन शेख, मुहम्मद जावेद पीरजादा और इमरान खेड़ावाला आपसे अपील करते हैं कि इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और केंद्रीय गृह मंत्रालय और गुजरात सरकार को अपराधियों को माफ करने के इस शर्मनाक फैसले को वापस लेने का निर्देश दें.

गौरतलब है कि 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के कोच को जला दिया गया था. इस ट्रेन से कारसेवक अयोध्या से लौट रहे थे. इससे कोच में बैठे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी. इसके बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे. दंगों की आग से बचने के लिए बिलकिस बानो अपनी बच्ची और परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई थीं. बिलकिस बानो और उनका परिवार जहां छिपा था, वहां 3 मार्च 2002 को 20-30 लोगों की भीड़ ने तलवार और लाठियों से हमला कर दिया. भीड़ ने बिलकिस बानो के साथ बलात्कार किया. उस समय बिलकिस 5 महीने की गर्भवती थीं. इतना ही नहीं, उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या भी कर दी थी. बाकी 6 सदस्य वहां से भाग गए थे.

इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने 11 को दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी. लेकिन अब गुजरात सरकार के फैसले के बाद सभी 11 दोषी रिहा हो गए. इस मामले में जिन दोषियों को रिहाई मिली है, उनमें जसवंतभाई नाई, गोविंदभाई नाई, शैलेष भट्ट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोरधिया, बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदाना शामिल हैं.

error: Content is protected !!