उन्होंने कहा, ”हमने किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने का फैसला किया है और प्रधानमंत्री आवास योजना में केंद्र के सहयोग नहीं करने के बाद अपनी आवास योजना शुरू की है। प्रियंका गांधी जी ने राज्य में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है। हमने अब तक ये तीन प्रमुख घोषणाएं की हैं, लेकिन भाजपा इस पर चुप है कि वह क्या करेगी और वह सिर्फ आरोप लगा रही है।” बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की तीन प्रमुख किसानोन्मुख योजनाओं ने कांग्रेस को पिछले पांच वर्षों में राज्य के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद की है। यह पूछे जाने पर कि क्या शराबबंदी के वादे को पूरा करने में कांग्रेस की विफलता से उसके महिला वोट बैंक पर असर पड़ेगा, बघेल ने कहा, ”हमने शराबबंदी लागू करने की कोशिश की और कोविड-19 महामारी के दौरान यह किया जा सकता था, लेकिन तब जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो गई। हम लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि नशा एक सामाजिक बुराई है और इसे हमें मिलकर खत्म करना होगा। भाजपा ने अपने 15 साल के शासनकाल में कुछ नहीं किया। उसने इसे लागू क्यों नहीं किया। मैं मोदी जी से पूरे देश में शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग करूंगा।” संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लंबित वादे पर उन्होंने कहा, ”हमने संविदा कर्मियों के मानदेय में काफी वृद्धि की है। 27 फीसदी से 40 फीसदी तक की वृद्धि हम लोगों ने की है। इससे लोगों को लाभ हुआ है। वे काफी हद तक संतुष्ट भी हैं।” चुनाव के लिए टिकट से इनकार किए जाने के बाद कुछ मौजूदा कांग्रेस विधायकों में असंतोष के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ”करीब 83 टिकट हम लोग बांट चुके हैं। लेकिन दो चार जगह नाराजगी तो रहती है। जिसका टिकट कटेगा उसकी नाराजगी तो स्वाभाविक है। वे हमारे परिवार के सदस्य हैं। उन लोगों से बात करेंगे। लगातार बातचीत हो भी रही है। बहुत सारे लोग हैं जो मान भी गए हैं। और लोग भी नाराज हैं, उनसे भी बात की जायगी।”
उन्होंने चुनाव के लिए टिकट वितरण पर भी भाजपा पर कटाक्ष किया और कहा, ”यहां भाजपा चुनाव नहीं लड़ रही है। रमन सिंह लड़ रहे हैं। और रमन सिंह के पीछे अमन सिंह (रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे) हैं। अमन सिंह अडानी के आदमी हैं। इसलिए रमन ही सब कुछ हैं यहां, भाजपा कुछ नहीं है।” यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी फिर से सरकार बनाती है तब राज्य में अडानी पर प्रतिबंध लगाएगी, उन्होंने कहा, ”प्रतिबंध लगाने की बात नहीं है, एनएमडीसी खुद लौह अयस्क उत्पादक है, तो दूसरे को एमडीओ क्यों दे।” बघेल ने कहा, ”जब सार्वजनिक उपक्रम में हमारे इस्पात संयंत्र चल रहे हैं तो सरकार द्वारा बनाया गया इस्पात संयंत्र निजी हाथों में क्यों जाएगा। एसईसीएल सबसे बड़ा कोयला उत्पादक है, पर अपनी खदान को अडानी को दे, तो ये गलत है। जो गलत है उसका विरोध हो रहा है। अडानी से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है। लेकिन सारी चीज अडानी को जाए, यह गलत बात है।”
राज्य में उनकी सरकार द्वारा लागू की गई पुरानी पेंशन योजना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”हम लोगों ने अध्ययन किया है कि 2060 तक राज्य सरकार पर कोई भार नहीं पड़ेगा। लेकिन केंद्र सरकार को हमारे 17000 करोड़ रुपए लौटाने होंगे।” उन्होंने कहा, ”यदि भाजपा गलती से उन राज्यों (जहां ओपीएस बहाल हो गई है) में चुनी जाती है, तो वह तुरंत ओपीएस की जगह एनपीएस लागू कर देगी।”