पर्यावरण और आगामी पीढ़ी को बर्बाद करने पर तुले कांग्रेसी और रेत माफिया- मधुसूदन यादव

राजनांदगांव। आए दिन एनीकट के गेट तोड़ना, खोलना नदी की दिशा बदलना या फिर एनीकट की चाबी ही जनप्रतिनिधि द्वारा अपने घर में रख लेने की संस्कृति पर पूर्व सांसद और प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष ने सवाल खड़े करते हुए पैसे की हवस की परिकाष्ठा बताया है. रेत तस्करों द्वारा आधी रात को एनीकट से पानी बहाना उसके बाद हाईवा की अंधी रफ्तार में निर्दोष यात्रियों को कुचलने से लेकर सरकार को राजस्व की हानि, टैक्स चोरी, प्रकृति से छेड़छाड़ सड़कों की दुर्दशा, ग्रामीणों के घर की टूट-फूट सभी को आपस में जोड़ते हुए ना सिर्फ भ्रष्टाचार का चरम सीमा वरन पर्यावरण को हो रहे नुकसान के साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए घातक बताया है. कल मोहारा एनीकट के गेट खुलने के उपरांत विधानसभा डोंगरगांव क्षेत्र से पानी खाली होने, एक सप्ताह पूर्व सांकरदाहरा एनीकट का गेट खुलने के उपरांत पीछे विधानसभा खुज्जी का पानी खाली करना और उसके बाद विधानसभा मोहला मानपुर में तो अवैध पत्थर रेत खनन क्षेत्र वासियों के लिए इतनी आम घटना हो गई है कि नदी की दिशा मोड़ देना, जंगल के वृक्षों की जड़ तक खुदाई की खबर को वहां की जनता अपनी दिनचर्या में शामिल कर चुकी है. राजनांदगांव तो दूर सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राजनितिक और प्रशासनिक आतंकवाद से गुजर रहा है. सत्ता से जुड़े जन प्रतिनिधि के लिए प्रशासन उनके घर के बंधुवा मजदुर से ज्यादा कुछ नहीं है. मोहला मानपुर जिले कि स्थिति तो इतनी भयावह है कि उन्हें अवैध खुदाई के कारण जंगल में पेड़ की जड़े दिखाई दे रही है तो रेत के लिए नदी की दिशा बदल दी गई जिसकी शिकायत एनजीटी तक भी की गई है.

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