रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि प्रदेश में युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है और लगातार युवाओं को नौकरियां भी मिल रही है. आज जिन युवाओं को नियुक्ति पत्र मिले हैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं. यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. जैसे-जैसे युवा प्रशिक्षित होंगे, उन्हें कौशल अनुरूप रोजगार से जोड़ने का कार्य भी चलता रहेगा. ये बातें मुख्यमंत्री ने बेरोजगारी भत्ता की चौथी किश्त के ऑनलाईन अंतरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत चौथी किश्त के रूप में प्रदेश के 01 लाख 22 हजार 625 हितग्राहियों को 31 करोड़ 71 लाख रूपए की राशि सीधे उनके खाते में अंतरित की. बेरोजगारी भत्ता की अप्रैल, मई, जून और जुलाई माह की चार किश्तों को मिलाकर हितग्राहियों के खाते में अब तक 112 करोड़ 43 लाख 30 हजार रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है. आज अंतरित की गई राशि में अप्रैल माह के शेष 147 लाभार्थियों को चार माह तथा मई माह के शेष 373 लाभार्थियों को तीन माह का और जून माह के शेष 3028 लाभार्थियों को दो माह का बेरोजगारी भत्ता जारी किया गया. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान प्रतीक स्वरूप बेरोजगारी भत्ता के प्रशिक्षित हितग्राहियों को नौकरी का ऑफर लेटर प्रदान किया.
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 36 आईटीआई के आधुनिकरण के लिए 1188.36 करोड़ परियोजना के लिए एमओयू भी किया गया है, जिससे युवाओं को 06 नवीन तकनीकी ट्रेड के साथ ही 23 शॉट टर्म कोर्स में प्रशिक्षण दिया जाएगा. इससे लगभग प्रति वर्ष 10 हजार युवाआंे को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन युवाआंे को विभिन्न उद्योगांे में नियोजित कराया जाएगा. युवाओं को अपनी तरक्की के राह में आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसलिए हमने बेरोजगारी भत्ता देने और पीएससी व व्यापम की प्रतियोगी परीक्षाओं में शुल्क माफ कर उन्हें बड़ी राहत देने का काम किया है.
मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि पहले गरीब व निम्न मध्यम वर्गीय युवा इसी सोच में कई परीक्षाओं का फार्म नहीं भर पाते थे कि आवेदन के लिए शुल्क जमा करना पड़ेगा, लेकिन अब उनकी यह चिंता दूर हो गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने देश के युवाओं से सीधे संवाद करने की शुरूआत की है. प्रदेश की प्रगति और विकास के लिए युवाओं का साथ जरूरी है. युवा अपने प्रदेश को आगे बढ़ाने को लेकर क्या सोच रखते हैं, इस पहल से उनके विचारों को जानने का मौका मिल रहा है.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 41 हजार शासकीय पदों पर भर्तियां चल रही है. हमने युवाओं से जो बात कही थी उसे पूरा किया है. भर्तियों पर लगी रोक हटते ही हमने सरकारी नौकरियों के लिए विज्ञापन निकाल दिए हैं. साथ ही साथ युवाओं को रोजगार और स्व-रोजगार के लिए तैयार करने के उद्देश्य से कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार से जोड़ने का काम भी साथ-साथ चल रहा है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 13-14 वर्षाें में 98 करोड़ रूपए बेरोजगारी भत्ते के रूप में बांटे थे. हमने चार माह में ही 112 करोड़ से अधिक की राशि बेरोजगारी भत्ते के रूप में वितरित की है.
उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि युवाओं को बेरोजगारी भत्ता सहित प्रदेश के अन्य सभी वर्गाें के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार काम कर रही है. बेरोजगारी भत्ते के माध्यम से युवाओं को जो सम्बल दिया गया है, इससे युवाओं का भविष्य निखर रहा है. स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता योजना के सर्वाधिक लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्र के हैं. लगभग 82 प्रतिशत ग्रामीण युवाओं को इसका लाभ मिल रहा है. उनके भविष्य को सवांरने में योजना बड़ी भूमिका निभाएगी. गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया.
कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल के साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों से भी योजना के हितग्राही शामिल हुए. इस मौके पर सचिव तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार टोपेश्वर वर्मा, सचिव कौशल विकास शम्मी आबिदि, संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण अवनीश शरण उपस्थित थे.
शासन की योजनाओं से प्रदेश के सभी वर्ग लाभान्वित
राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी वर्गाें के सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर उन्हें लाभान्वित कर रही है. शासन की न्याय योजनाओं का दायरा बढ़नेे से प्रदेश के किसान, पशुपालक, भूमिहीन मजदूर, महिलाआंे को सीधा लाभ मिल रहा है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से अब तक 20 हजार 102 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी हितग्राहियों अंतरित की जा चुकी है. इसी तरह गोधन न्याय योजना के माध्यम से अब तक प्रदेश के गोबर विक्रेताओं को 251.08 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है. गौठान समूह और महिला स्व-सहायता समूह को अब तक 257.29 करोड़ रूपए का लाभांश का भुगतान किया गया है. राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजूदर न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के भूमिहीन मजदूरों 589 करोड़ 39 लाख रूपए का भुगतान किया गया है.