नर्सिंग कॉलेज में शिव मंदिर हटाने पर विवाद, छात्राओं की भूख हड़ताल के बाद प्राचार्या को वापस लेना पड़ा निर्णय

जगदलपुर. महारानी अस्पताल के पीछे स्थित शासकीय नर्सिंग कॉलेज में सोमवार को धार्मिक आस्था को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया. कॉलेज परिसर से शिव मंदिर को हटाए जाने के विरोध में छात्राओं ने भूख हड़ताल शुरू कर दी और मांग की कि जब तक भगवान शिव की प्रतिमा दोबारा स्थापित नहीं की जाती, वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगी. घंटो विवाद के बाद प्राचार्य को फैसला वापस लेना  पड़ा. भगवान शिव की प्रतिमा को दोबारा उसी स्थान पर स्थापित कर दिया गया.

जानकारी के मुताबिक, मामला तब शुरू हुआ जब नर्सिंग कॉलेज में विशेष धर्म की दो छात्राओं और एक हिंदू छात्रा के बीच धार्मिक विषय पर बहस हो गई. इसकी जानकारी जब प्राचार्या को दी गई, तो उन्होंने स्थिति को शांत करने के उद्देश्य से परिसर में स्थापित शिव मंदिर को हटवाने का निर्णय ले लिया. मंदिर को हटाकर प्रतिमा को परिसर के दूसरे हिस्से में रख दिया गया. इसकी जानकारी लगते ही अन्य छात्राओं में आक्रोश फैल गया. जिसके बाद सभी छात्राएं एकजुट होकर प्राचार्या के निर्णय के खिलाफ विरोध में उतर आई.

सभी छात्राएं एकजुट होकर कॉलेज परिसर में भूख हड़ताल पर बैठ गईं. उनकी मांग थी कि भगवान शिव की प्रतिमा को उसी स्थान पर फिर से स्थापित किया जाए. विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल समेत अन्य हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने कॉलेज प्रशासन से छात्राओं का समर्थन करते हुए चर्चा की. कई घटें तक चली छात्राओं की भूख हड़ताल के बाद प्राचार्य को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा. माहौल को देखते हुए प्राचार्य ने छात्राओं के हाथों शिव प्रतिमा को प्राण प्रतिष्ठा कर पुनः स्थापित कर दिया गया. कॉलेज प्रबंधन के रवैये को लेकर छात्राओं और संगठनों ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने और अनुचित निर्णय लेने के लिए प्राचार्या और उप-प्राचार्या पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं प्रशासन ने मामले की जांच कर उचित निर्णय लेने की बात कही है.

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