संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के सेंट्रल जेल में रविवार की रात सजायाफ्ता बंदी ने बाथरूम में जाकर फांसी लगा ली। बंदी द्वारा फांसी लगाए जाने की सूचना मिलने पर जेल में हड़कंप मच गया। देर रात पुलिस अधिकारी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंच गए। मामले में जेल अधीक्षक ने ड्यूटी पर तैनात प्रहरी को निलंबित कर दिया है। कड़ी सुरक्षा के बीच बंदी द्वारा फांसी लगाए जाने को लेकर जेल प्रबंधन भी सकते में है।
मिली जानकारी के अनुसार, सेंट्रल जेल अंबिकापुर में रविवार की शाम को निर्धारित समय पर गिनती के बाद सभी बंदी और कैदी अपने-अपने बैरक में चले गए थे। रात लगभग 11 बजे बैरक संख्या – 9 में कैदी लुकन राम ने बाथरूम जाने की बात कही थी।
काफी देर तक जब वह वापस नहीं लौटा तो बैरक में रहने वाले दूसरे कैदियों को शक हुआ। दूसरे बंदियों ने बाथरूम में जाकर आवाज लगाई तो अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। संदेह होने पर बंदियों ने दरारों से झांक कर अंदर देखा तो उसने बाथरूम में लुकन राम का शव फांसी पर झूलते हुए देखा। घटना की सूचना मिलते ही केंद्रीय जेल प्रबंधन हरकत में आया। जिसके बाद जिला और पुलिस-प्रशासन को रात में ही सूचना दे दी गई थी।
बाथरूम को किया गया सील
देर रात कार्यपालिक दंडाधिकारी अंबिकापुर तहसीलदार और कोतवाली थाना प्रभारी भारद्वाज सिंह केंद्रीय जेल पहुंचे थे। अधिकारियों ने निरीक्षण कर बाथरूम को जांच के लिए सील कर दिया है। मृतक बंदी लुकन राम मूलतः बलरामपुर जिले के राजपुर का रहने वाला था। हत्या के आरोप में न्यायालय से उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उसने अपनी सजा के 12 वर्ष काट लिए थे।
सोमवार सुबह कार्यपालक दंडाधिकारी की उपस्थिति में पंचनामा की कार्रवाई पूरी की गई। कैदी ने फांसी क्यों लगाई यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। घटना की सूचना मृतक के परिजनों को दे दी गई थी। वे सोमवार सुबह अंबिकापुर पहुंच गए हैं। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंपने की कार्रवाई की जा रही है।
जेल प्रहरी निलंबित
सेंट्रल जेल अधीक्षक राजेंद्र गायकवाड ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि घटना रात लगभग 11 बजे की है। बैरक में ड्यूटी वार्डन प्रवीण रात्रे की थी। ड्यूटी पर तैनात जेल प्रहरी प्रवीण रात्रे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। ज्यादा रात नहीं हुआ था,उसके बावजूद कैदी द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने को जेल प्रहरी की लापरवाही मानी जाएगी। मामले की जांच होगी। बंदी ने क्यों फांसी लगाई, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।