नई दिल्ली: कोरोना के मामलों में भले ही गिरावट (Coronavirus in India) दर्ज हो रही है, लेकिन एक नई स्टडी में सामने आया है कि इस संक्रमण से टाइप-2 डायबिटीज (Risk of Type 2 diabetes) का रिस्क बढ़ गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, संक्रमण से शरीर में इंसुलिन प्रभावित हो सकता है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, जिन लोगों को कोरोना हुआ था उन्हें टाइप-2 डायबिटीज का खतरा ज्यादा हो सकता है.
कोरोना के बाद टाइप-2 डायबिटीज के मामले आए सामने
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों को कोरोना हुआ उनमें से कुछ लोगों में इंसुलिन और ब्लड शुगर का लेवल बढ़ा है. जबकि इन लोगों को पहले कभी डायबिटीज नहीं हुई थी. यह स्टडी डायबेटोलोजिया’ जर्नल में प्रकाशित हुआ था. इस रिपोर्ट के आने के बाद से लोगों में काफी डर का माहौल है. हालांकि, इससे ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. कुछ उपायों के माध्यमों से हम इस प्रकार के रिस्क को कम कर सकते हैं.
ऐसे किया गया शोध
शोधकर्ताओं ने इस शोध के लिए एक कंट्रोल ग्रुप बनाया, जिसमें कुछ लोगों का चयन किया गया, जिनमें से ज्यादा कोरोना वायरस के मरीज शामिल थे. स्टडी के दौरान कम से कम 35,865 लोग कोरोना से संक्रमित थे. इस शोध में सामने आया है कि कोरोना मरीजों में टाइप-2 डायबिटीज के लक्षण नजर आए हैं. ऐसे में शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर मरीजों को किसी भी प्रकार की थकान, पेशाब आना, प्यास बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.