होली पर्व की रात लगभग 12 बजे अचानक इनमें आग लग गई। लकड़ी से तैयार झोपड़ियों में लगी आग तेजी से फैली और एक-एक कर सभी दुकानें जलकर राख हो गई।
आग लगने की सूचना पर दुकानदारों के साथ स्थानीय लोग और कमलेश्वरपुर थाने से पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई थी लेकिन खड़े होकर देखने के अलावा कोई उपाय नहीं था। झोपड़ीनुमा दुकानों में लगी आग जंगल तक पहुंच गई थी। बाद में इसे नियंत्रित किया गया।
आग लगाए जाने की आशंका
स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना में राजाराम यादव, अनिल यादव, जमुना यादव, कैलाश यादव, बिंदा यादव, सुमेद यादव, गोस्वामी यादव, सोनु यादव, शिवकुमार यादव की दुकानें जल गई हैं। होली के दिन असामाजिक तत्वों द्वारा आग लगाए जाने की आशंका जताई जा रही है।
दुकानदारों द्वारा नए सिरे से झोपड़ियों को तैयार करना होगा, उसके बाद ही सैलानियों को यहां खाने की सामग्री मिल सकेगी। मैनपाट का टाइगर पाइंट झरना और हरे-भरे जंगल के लिए प्रसिद्ध है। यहां कई फीट ऊंचाई से पानी गिरता है।
