China CPEC Project: चीन ने भारत (India) के खिलाफ एक और नापाक चाल चलते हुए अपनी महत्वकांक्षी परियोजना CPEC प्रोजेक्ट में अब अफगानिस्तान (Afghanistan) को भी शामिल किया है। ड्रैगन अब पाकिस्तान और तालिबान सरकार संग मिलकर अफगानिस्तान तक CPEC प्रोजेक्ट को विस्तार करेगा। अफगानिस्तान और चीन के बीच बेल्ट एंड रोड इनीशियेटव को लेकर भी चर्चा चल रही है, जो चीन की एक ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्ट्रेटेजी है। हालांकि, फिलहाल चीन-अफगानिस्तान में सीधे तौर पर BRI को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं हुई है। बता दें कि भारत ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के किसी तीसरे देश में विस्तार पर आपत्ति जताते रहा है।
बुधवार को चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शीर्ष नेताओं ने त्रिपक्षीय सहयोग को गहरा करने और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को अफगानिस्तान तक एक्सपैंड करने पर चर्चा हुई। इसका ऐलान पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार, चीनी विदेश मंत्री वांग यी, और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के बीच हुई एक अनौपचारिक त्रिपक्षीय बैठक के बाद किया गया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के साथ मीटिंग की अपनी तस्वीर शेयर करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक साथ खड़े हैं। उनके कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “उन्होंने (तीनों नेताओं ने) डिप्लोमेटिक इंगेजमेंट, तीनों मुल्कों के बीच कम्युनिकेशन बढ़ाने, और ट्रेड इन्फ्रास्ट्रक्चर, और डेवलपमेंट की दिशा में कदम आगे बढ़ने पर चर्चा की। बयान में कहा गया है, “वे बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) सहयोग को गहरा करने और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर सहमत हुए। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस बात पर सहमति हुई कि छठी त्रिपक्षीय विदेश मंत्रियों की बैठक काबुल में जल्द ही आयोजित की जाएगी, लेकिन इसकी तारीख अभी तय नहीं की गई है।
भारत लगातार करता रहा रहा है विरोध
बता दें कि भारत चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के किसी तीसरे देश में विस्तार पर आपत्ति जताते रहा है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले साल कहा था कि CPEC प्रोजेक्ट में भाग लेने वाले देश जम्मू-कश्मीर में भारत की भू-भाग का उल्लंघन करेंगे। वहीं चीन को इस बात का डर सता रहा है कि भारत और अफगानिस्तान एक-दूसरे के करीब न आये। हाल ही में अफगानिस्तान ने चाबहार पोर्ट में दिलचस्पी दिखाई है। भारत ने ईरान के साथ मिलकर इस पोर्ट का विकास किया है. इस वजह से चीन ने यह दांव चला है।