करोड़ों की पीडब्ल्यूडी रोड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी

– किरगी-बुद्धूभरदा रोड को लेकर गांव वाले भी नाराज
– ठेका निरस्त होने के बाद फिर उसी ठेकेदार को ठेका

दैनिक पहुना राजनांदगांव। जिले के डांगरगांव विकासखंड अंतर्गत बुद्धूभरदा-किरगी सड़क लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जाने में घोर अनियमितता देखी जा रही है। करीब ढाई किमी सड़क बनाने में 249 लाख से ज्यादा की प्रशासकीय स्वीकृति होने पर ठेकेदार द्वारा नियमितता का पालन नहीं किया जा रहा था। तब विभागीय तौर पर उनका ठेका निरस्त कर दिया गया था। ऐसा क्या हुआ कि उसके बाद भी उसी ठेकेदार को ऊपर से ठेका मिलना बताया जा रहा है। आज आलम यह है कि उक्त रोड पीडब्ल्यूडी के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। करोड़ों की मंजूरी के बाद भी ग्रामीणों को अच्छी सड़क मिल पायेगी कहना मुश्किल हो रहा है।

पहुना ने पहले भी खींचा था शासन-प्रशासन का ध्यान
ज्ञातव्य है कि विगत 31 जुलाई को दैनिक पहुना ने उक्त सड़क निर्माण में अनियमितता की ओर शासन-प्रशासन का ध्यान तथ्यात्मक ढंग से खींचा था।

पूर्व का ठेका इस प्रकार, नये ठेके का बोर्ड नहीं
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त 2.60 किमी का ठेका अनुबंध मेसर्स संजय सिंगी निवासी वर्धमान नगर राजनांदगांव के मिला था जिसका अनुबंध क्र. 100 डी एल 2019-20 दिनांक 17 फरवरी 2020 था। कार्य की लागत 406.99 लाख रू. निविदा दर 38.79 रू. एसओआर दर से कम थी। अनुबंध लागत 249.12 लाख व समयावधि 7 माह वर्षाकाल सहित 17 नवंबर 2020 थी। कार्य समय में पूरा हो जाना था, लेकिन अनियमितता के चलते कार्यपालन अभियंता ने उनका ठेका निरस्त कर दिया था। उसके बाद उक्त ठेकेदार द्वारा मंत्रालय रायपुर से पुनः ठेका यह कहकर ले लिये जाने की आधिकारिक जानकारी मिली है कि कार्य को वे नियमानुसार व बेहतर ढंग से करेंगे। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। ऐसा अधिकारी भी मानते हैं और ग्रामीण तो ठेकेदार से अच्छे-खासे नाराज हैं।
गांव बुद्धूभरदा के ग्रामीणों ने इस रोड के निर्माण में अनियमितता को लेकर बहुत पहले ही अपनी नाराजगी जता दी थी। अब किरगी के ग्रामीण भी ठेकेदार और विभाग के विरूद्ध नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। पहुना ने देखा सुना उसके हिसाब से तो लगता है कि ठेकेदार का एक मात्र उद्देश्य जितनी राशि हजम कर सको कर लेने का है। किरगी के किसान टीकम साहू ने बताया कि रोड पर न पानी डालते न बेलन चलाते न अधिकारी देखने आते। सड़क के बीच में पुलिया भी स्तरहीन बनी है। वहीं के जोहन यादव ने कहा कि उन्होंने रोड निर्माण में चौकीदारी की है। मजदूरी 7 हजार में से 1500 रू. काटकर दी वही भी 6-7 माह बाद। छबिलाल साहू पंच ने सड़क निर्माण में रोलर नहीं चलने की बात कही। पुरूषोत्तम साहू ने कहा कि संजय सिंह का ठेका है जो अच्छी मुरम तक नहीं डाल रहा है। मनराखन साहू ने कहा कि दो किमी की सड़क निर्माण में घटिया मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है।

संजय सिंगी का ठेका है। 2020 में काम पूरा हो जाना था। अनियमितता पर ईई ने उनका यह एग्रीमेंट टर्मिनेट कर दिया था। दो करोड़ के इस ठेके में उसी ठेकेदार ने कंटीन्यूशन में काम करने की बात कहकर ऊपर से पुनः ठेका प्राप्त कर लिया है। मैं कल रोड देखने गया था। काम बंद था। प्रोग्रेस नहीं है। उसका कहीं कुछ भी भुगतान नहीं किया गया है।
दानिश
एसडीओ, पीडब्ल्यू
डोंगरगांव

 

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