एजुकेशन डेस्क। कोराेना काल में देश तेजी से डिजिटल हुआ है। डिजिटलाइजेशन होने के साथ ही साइबर अपराध के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। इस बात की गवाही भारत सरकार की ओर से जारी होने वाले आंकड़े भी देते हैं। हाल ही में गृह मंत्रालय के डिवीजन इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर ओर से जारी सूचना में यह कहा गया है कि शुरुआती नौ महीनों में देश को 11,333 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
साथ ही 63,481 शिकायतें डिजिटल अरेस्ट को लेकर आई हैं। इसके पहले तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने फरवरी में लोकसभा को एक लिखित उत्तर में बताया था कि साल 2023 में वित्तीय साइबर धोखाधड़ी की 1,12,82,65 शिकायतें मिली थीं। इसलिए साइबर अपराध की गिरफ्त में आने से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि सर्तक रहा जाए। साथ ही आप लोग कुछ बातों का ध्यान रखकर अपने अकाउंट को सिक्योर कर सकते हैं। आइए डालते हैं इन टिप्स पर एक नजर।
सोशल मीडिया पर बरतें सावधानी
सोशल मीडिया पर अपनी फ्रेंड्स की लिस्ट को लेकर अलर्ट रहें। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म, जहां आप अपनी जिंदगी से जुड़ी हर एक छोटी-बड़ी चीजें शेयर करते हैं, जो कि साइबर ठग आपको धमकाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि फेसबुक हो या फिर इंस्टाग्राम हर जगह पर अपनी प्रोफइाल को प्राइवेट रखें। साथ ही किसी भी नए दोस्त को एड करने से पहले उसके बारे में पूरी जांच करें। वो किस प्रोफाइल का है। किसी का म्यूच्यल है या नहीं। इस तरह सब जानकारी जुटाने के बाद ही उसे एड करें।
पब्लिक वाई-फाई से न करें पेमेंट
आजकल ज्यादातर सभी पेमेंट्स डिजिटल ही होती हैं। ऐसे में बार-बार पासवर्ड एंटर करने की जरूरत होती है। इसलिए कोशिश करें कि आप शापिंग मॉल, मार्केट, शादी, हॉस्पिटल या फिर एयरपोर्ट किसी भी पब्लिक प्लेस में पासवर्ड टाइप न करें, क्योंकि आपका अकाउंट हैक हो सकता है। इसलिए इससे बचने के लिए यहां आप फेस आइडी या फिंगरप्रिंट से लॉग इन कर सकते हैं। बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स पब्लिक जगहों पर न ओपन करें। साथ ही पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते हुए कभी भी पेमेंट न करें।
स्ट्रॉन्ग पासवर्ड है बेहद जरूर
अक्सर लोग अपने सोशल मीडिया प्रोफाइनल से लेकर बैंक अकाउंट तक के लिए एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं। इससे बचना चाहिए। साथ ही कभी भी पासवर्ड अपनी या किसी भी संबंधित दोस्त, पति, पत्नी या परिवार के लोगों के नाम और डेट ऑफ बर्थ नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे मजबूत बनाएं। साथ ही बैंक अकाउंट्स के एप में टू टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन लगाएं।
अक्सर लोग अपने सोशल मीडिया प्रोफाइनल से लेकर बैंक अकाउंट तक के लिए एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं। इससे बचना चाहिए। साथ ही कभी भी पासवर्ड अपनी या किसी भी संबंधित दोस्त, पति, पत्नी या परिवार के लोगों के नाम और डेट ऑफ बर्थ नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे मजबूत बनाएं। साथ ही बैंक अकाउंट्स के एप में टू टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन लगाएं।
सर्तक रहें
कहते हैं न कि सावधानी हटी और दुर्घटनी घटी तो साइबर क्राइम के मामले भी कुछ हद तक ऐसा ही है। अगर आप डिजिटल पेमेंट से लेकर डिजिटल इस्तेमाल को लेकर सर्तकतता बरतते हैं तो निश्चित तौर पर आप काफी हद तक खुद को सिक्योर रख सकते हैं।
कहते हैं न कि सावधानी हटी और दुर्घटनी घटी तो साइबर क्राइम के मामले भी कुछ हद तक ऐसा ही है। अगर आप डिजिटल पेमेंट से लेकर डिजिटल इस्तेमाल को लेकर सर्तकतता बरतते हैं तो निश्चित तौर पर आप काफी हद तक खुद को सिक्योर रख सकते हैं।