शहर में जगह-जगह बिक रहा मौत का सामान, कार्यवाही शून्य

प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से बिक रहे जर्दायुक्त पाऊच
बड़े गुटखा करोबारियों के ठिकानों पर छापे जरूरी

दैनिक पहुना राजनांदगांव। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय से जर्दा पाऊच के निर्माण और विक्रय पर प्रतिबंध अब भी लागू है, लेकिन प्रतिबंध का शहर में कहीं कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। प्रतिबंध कानून का लंबे समय से पालन नहीं होने से जहां जर्दा पाऊच की आदतों से जनस्वास्थ्य पर लगातार विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, वहीं जर्दा पाऊच के बड़े कारोबारी जमाखोरी करके किल्लत की कृत्रिम स्थिति पैदा करके बहुत बड़ी पूंजी के मालिक बन गये हैं।

जर्दा पाऊच की आदत से सेहत को गंभीर खतरा
यह जानते हुए भी कि जर्दा या जर्दा युक्त पान मसालों का सेवन करने की आदत मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता है। इससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है। चिकित्सा अनुसंधान रिपोर्ट में तम्बाकू से कैंसर होने जैसा खुलासा कोई नया नहीं है। बहुत से कैंसर मरीजों में तंबाकू उत्पाद के सेवन की वजह से कैंसर होने की पुष्टि होती रही है। बावजूद इसके लाखों लोग इसके आदी बने हुए हैं और बनते जा रहे हैं। पूर्ववर्ती सरकार ने तम्बाकू युक्त पान मसालों में विविध प्रकार के खतरनाक केमिकल भी मिले होने के मद्देनजर इन पर प्रतिबंध लगाया हुआ था जो अब भी लागू है, लेकिन प्रतिबंध निष्प्रभावी बना हुआ है।

होटल, पानठेला व किराना दुकानों में बेरोकटोक
बिक्री जर्दा पाऊच के बड़े कारोबारी अलग-अलग ब्रांड नेम के केमिकल युक्त जर्दा पाऊच बाजार में खपा रहे हैं। होटलों तथा नाम भर के पान ठेलों, चाय ठेलों, किराना या परचून की दुकानों में इनकी बेरोकटोल बिक्री हो रही है। पांच-दस रूपये में आसानी से मिल रहे हैं। बीच-बीच में जर्दा पाऊच के बड़े कारोबारी जमाखोरी करके इनका कृत्रिम संकट छोटे कारोबारियों और आदी लोगों के लिए कर देते हैं। इस तरह ये विभिन्न ब्रांड नेम के दर्जा पाऊच ब्लैक में भी बिकने लगते हैं। इस तरह वे कुछ ही साल में बहुत बड़ी संपत्ति के स्वामी हो गये हैं। यहीं हाल रहा तो जनस्वास्थ्य को गंभीर खतरा होता रहेगा और जर्दा गुटखा पाऊच के बड़े कारोबारी अपना खजाना भरते रहेंगे। ऐसे में आवश्यकता है कि उनके ठिकानों पर पुलिस व प्रशासन अविलंब रेड की कार्यवाही करें।

 

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