अंतिम सांस तक जेल की सजा भुगतने का फैसला

राजनांदगांव। न्यायालय माननीय अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो) राजनांदगाँव पीठासीन न्यायाधीश श्री शैलेष शर्मा ने एक प्रकरण में आरोपी वृद्ध को अंतिम सांस तक जेल की सजा भुगतने का फैसला सुनाया है।
प्रकरण का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पिछले वर्ष जनवरी 2021 में पचहत्तर वर्षीय वृद्ध मुकुंदराव सरजारे ने 11 वर्षीय बालिका को जब बालिका के माता-पिता घर पर नहीं थे, बालिका को अपने घर बुलाया और कमरा के अंदर ले गया और दरवाजा बंद कर उसके साथ बलात्कार किया और घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दिया। घटना की रिपोर्ट बालिका के पिता द्वारा 19 मार्च 2021 को थाना चिल्हाटी में लिखाई गई। रिपोर्ट पर चिल्हाटी थाना प्रभारी उप निरीक्षक दिनेश कुमार यादव द्वारा त्वरित विवेचना करते हुए पाँच दिनों के भीतर माननीय विशेष न्यायालय के समक्ष भारतीय दण्ड विधान की धारा 342, 376 (क-ख). 506 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पाक्सो एक्ट), 2012 की धारा 4 व 6 के तहत चालान विचारण के लिए पेश किया गया। माननीय विशेष न्यायालय द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना काल के चलते नियमित न्यायालयीन कार्यवाही स्थगित होने के बावजूद शीघ्रता से मामले की सुनवाई कर प्रकरण निराकृत करते हुए बलात्कारी वृद्ध को दण्डित किया गया।
विचारण उपरान्त मामले में निर्णय घोषित कर अभियुक्त को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 342 के आरोप में एक वर्ष के सश्रम कारावास, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 506 भाग-2 के आरोप में तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के आरोप में आजीवन कारावास, जिसका अभिप्राय उस व्यक्ति को अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा एवं 2000 रूपये के अर्थदंड की सजा से दण्डित किये जाने का दण्डादेश पारित किया गया है। मामले में छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजनांदगाँव परवेज़ अख्तर ने पैरवी की।

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