बालोद/दल्लीराजहरा। जीते जी तो लोग अपने साथ साथ दुसरो के भी काम आते है लेकिन जब इंसान कि मौत हो जाये उसके बाद उनकी पार्थिव शरीर भी दूसरों के रिसर्च मे सहयोग बने ऐसा सोच रखने वाले बहुत कम् मिलते है इसी सोच को चरितार्थ करते हुए दल्ली राजहरा के धर्मनिष्ठ सुश्रावक एवं सुश्राविका शांतिलाल पारख एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमति विजिया देवी पारख ने मृत्युुपरांत अपने परिवार के आज्ञा से अपने काया को मेडिकल कॉलेज मे दान कि घोषणा कि है। उनका मानना है कि मानव कल्याण के लिए यह कठोर फैसला लिया गया है। जिसका उपयोग वे अध्ययन के लिए करेंगे एवं उनका कहना है कि हमारी मौत के बाद शरीर को दान देने से मना करने का किसी को अधिकार नहीं होगा । इसके साथ ही इनके मौत का बाद इनके परिवार कि जिम्मेदारी है कि मेडिकल कॉलेज मे इसकी सूचना दे।