नई दिल्ली. कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मानहानि के मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर करने के बाद सोमवार को कहा कि वह ‘मित्रकाल’ के खिलाफ और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसमें सत्य ही उनका अस्त्र है. उन्होंने ट्वीट किया, “ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है. इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है, और सत्य ही मेरा आसरा!” कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उनके इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, “सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, कांटों में राह बनाते हैं.”
राहुल गांधी ने ‘मोदी उपनाम’ के संदर्भ में उनकी 2019 की टिप्पणी से संबंधित मानहानि के एक मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ सोमवार को सत्र अदालत में अपील दायर की. अदालत ने उन्हें जमानत दे दी. एक अधिकारी ने बताया कि सत्र अदालत मामले की सुनवाई 13 अप्रैल को करेगी.
राहुल को पिछले महीने यहां की निचली अदालत ने दोषी ठहराया था और दो साल के लिए जेल की सजा सुनाई थी. दो भगोड़े कारोबारियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘उपनाम’ के बारे में अपनी टिप्पणी में राहुल गांधी ने कहा था कि सारे ‘चोरों’ के ‘उपनाम’ मोदी क्यों हैं.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर पी मोगेरा की अदालत ने कहा कि वह मामले में शिकायतकर्ता-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी करने के बाद 13 अप्रैल को दोषसिद्धि के निलंबन के लिए गांधी की याचिका पर सुनवाई करेगी. सत्र अदालत ने प्रतिवादी (पूर्णेश मोदी) को 10 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा.
राहुल की कानूनी टीम के एक सदस्य ने संवाददाताओं से कहा, “हमने निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के खिलाफ राहुल गांधी की अपील के साथ-साथ उनकी जमानत और सजा के निलंबन के लिए एक अर्जी दायर की है. (सत्र) अदालत ने इस मामले की सुनवाई की और उन्हें जमानत दे दी. अदालत उनकी दोषसिद्धि पर रोक के संबंध में 13 अप्रैल को सुनवाई करेगी.”